Main Nahi Mati Khai Maiya

परब्रह्म श्याम मैं नहीं माटी खाई मैया, मैं नहीं माटी खाई ग्वाल सखा सब झूठे मैया, जिनको तू पतियाई एक बार चुपके से लाला ने जब मिट्टी खाई देख लिया मैया न उसको, तभी दौड़ कर आई हाथ पकड़ उसका तब बोलीं, मुँह तो खोल कन्हाई तीनों लोक लाल के मुँह में, देखे तो चकराई […]

Rang Darat Laj Na Aai

होली रंग डारत लाज न आई, नन्दजी के कुँवर कन्हाई माखन-चोर रसिक मतवारे, गलियन धूम मचाई, गुलचे खाये भूल गये क्यों, करन लगे ठकुराई सखि! वाँको शरम न आई हाथ लकुटिया काँधे कमरिया, बन बन धेनु चराई, जाति अहीर सबहिं जन जानत, करन लगे ठकुराई छलिये जानत लोग लुगाई मात जसोदा ऊखल बाँधे, रोनी सूरति […]

Var De Veena Vadini Var De

सरस्वती स्तुति वर दे वीणावादिनि! वर दे! प्रिय स्वतंत्र रव अमृत मंत्र, नव भारत में भर दे काट अंध उर के बंधन-स्तर, बहा जननि, ज्योर्तिमय निर्झर कलुष-भेद-तम हर, प्रकाश भर, जगमग जग कर दे नव गति, नव लय, ताल-छंद, नव, नवल कंठ, नव जलद मंद्र रव नव नभ के नव विहग वृन्द को नव पर, […]

Shiva Shiv Bane Radhika Shyam

शिवाशिव महिमा शिवा शिव बने राधिका श्याम एक बार कैलाश धाम में, शंकर दुर्गा संग करने लगे विहार वहाँ पर, अतिशय अद्भुत ढंग रूप मनोहर अति देवी का, मुग्ध हुए शिवशंकर लगे सोचने नारी को यह, रूप मिला अति सुन्दर शिव बोले मैं बनूँ राधिका, तुम नँदनंदन प्यारी बने प्रभु वृषभानुनंदिनी, दक्षसुता गिरिधारी देव देवियों […]

Shri Radha Nam Madhur Anmol

राधा नाम अनमोल श्री राधा नाम मधुर अनमोल नाम सुखद राधा प्यारी को, मुँह में मिश्री घोल सुख सरिता श्री राधा स्वामिनि, दर्शन कर सुख पाऊँ अंग अंग अनुराग श्याम का, चरणों में सिर नाऊँ दो अक्षर राधा रानी के, हिय में इन्हें बसाऊँ सोच विचार और सब त्यागूँ, राधा के गुण गाऊँ  

Satyam Shivam Sundaram

सत्यं शिवं सुन्दरम् सत्यं शिवं सुन्दरम् ही तो श्री हरि का रूप है सुख शांति का यह सार है, अकल्पनीय अनूप है जीवन मे सत्य विचार हो, व्यवहार वाणी शुद्ध हो उत्तम यही तो मार्ग है अन्तःकरण भी शुद्ध हो शिव-भाव से तात्पर्य है, कल्याणमय जीवन रहे सारे अमंगल दूर हों, मालिन्य को न जरा […]

Aarti Lakshmi Narayan Ki

लक्ष्मीनारायण आरती आरती लक्ष्मीनारायण की स्वर्णिम पीताम्बर हरि धारे, उज्जवल वसन प्रिया चित चोरे माँ कमला कर धारे अम्बुज, कमल-नयन श्री विष्णु चतुर्भुज अनुपम कांति प्रिया पे राजै, श्रीपति क्षीर-समुद्र विराजै शंख चक्र अरु गदा पद्म कर, अनुपमेय शोभित हैं श्रीधर श्री पीठा-स्थित माता मोहे, शेष शयन गरुड़ासन सोहे मंजुल मूरति उज्जवल रूपा, सीता रूक्मिणि […]

Aarti Kije Hanuman Lala Ki

हनुमान आरती आरती कीजै हनुमानलला की, दुष्टदलन रघुनाथ कला की जाके बल से गिरिवर काँपे, रोग दोष जाके निकट न आवे अंजनिपुत्र महा-बल दाई, संतन के प्रभु सदा सहाई दे बीड़ा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सीया सुधि लाये लंका-सो कोट, समुद्र-सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई लंका जारि असुर संहारे, सीतारामजी के काज सँवारे […]