Aaj Vrashbhanu Geh Anand

श्री राधा जन्मोत्सव आज वृषभानु गेह आनन्द वदन प्रभा सी लागत मानो, प्रगट्यो पूरन-चंद बजे बाजने नाचे गाये, कोइ सुनावत टेर सुनि सब नारि बधावन आई, किये बिना कछु देर नंदराय अरु जसुमति रानी, न्योता पा चलि आये सुनतहि सबन भरे आनंद में, हुलसि भेंट को लाये अपने अपने मन को भाये, करत सकल ब्रज […]

Aaj Ki Bela Sukhkari

श्री श्री राधा प्राकट्य आज की बेला सुखकारी प्रगट भई वृषभानु-नंदिनी, कीरति प्राण-पियारी गावत सभी बधाई हिलमिल, बरसाने की नारी अत्यधिक, आनंद महल में बरनत रसना हारी नौबत बजत और शहनाई, नाचत सखियाँ सारी नंद यशोदा सुनसुख पायें, हरषे हिय में भारी भादौ मास, गगन घन छाये, बिजुरी चमके न्यारी चहुँ ओर है खुशियाँ छाई, […]

Rath Par Rajat Sundar Jori

रथयात्रा रथ पर राजत सुन्दर जोरी श्री घनश्याम लाड़िलो सुन्दर, श्रीराधाजू गोरी चपल तुरंत चलत धरणी पर, भयो कुलाहल भारी आस पास युवतीजन गावत, देत परस्पर तारी व्योम विमान भीर भई सुर-मुनि, जय जय शब्द उचारी ‘सूरदास’ गोकुल के वासी, बानिक पर बलिहारी

Karahu Prabhu Bhavsagar Se Par

नाम-महिमा करहुँ प्रभु भवसागर से पार कृपा करहु तो पार होत हौं, नहिं बूड़ति मँझधार गहिरो अगम अथाह थाह नहिं, लीजै नाथ उबार हौं अति अधम अनेक जन्म की, तुम प्रभु अधम उधार ‘रूपकुँवरि’ बिन नाम श्याम के, नहिं जग में निस्तार 

Mangal Aarti Divya Yugal Ki

युगल किशोर आरती मंगल आरति दिव्य युगल की, मंगल प्रीति रीति है उनकी मंगल कान्ति हँसनि दसनन की, मंगल मुरली मीठी धुन की मंगल बनिक त्रिभंगी हरि की, मंगल चितवनि मृगनयनी की मंगल सिर चंद्रिका मुकुट की, मंगल छबि नैननि में अटकी मंगल शोभा पियरे पटकी, मंगल आभा नील-वसन की मंगल आभा कमलनयन की, मंगल […]

Bhawani Dur Karo Dukh Maa

निवेदन भवानी, दूर करो दु:ख माँ तेरो बालक करे पुकार, भवानी! दूर करो दुख माँ मैं तो हूँ अति कपटी पापी, औगुण को घर माँ राग-द्वेष में डूब रह्यो नित, शुभ लक्षण नहीं माँ पूजा-पाठ कछू नहीं जाणूँ, भक्ति न जाणू माँ साधु-संगत कबहुँ न किन्ही, तीरथ व्रत नहीं माँ बालपणो तरुणाई बीती, तन-जर्जर अब […]

Shiva Shiv Bane Radhika Shyam

शिवाशिव महिमा शिवा शिव बने राधिका श्याम एक बार कैलाश धाम में, शंकर दुर्गा संग करने लगे विहार वहाँ पर, अतिशय अद्भुत ढंग रूप मनोहर अति देवी का, मुग्ध हुए शिवशंकर लगे सोचने नारी को यह, रूप मिला अति सुन्दर शिव बोले मैं बनूँ राधिका, तुम नँदनंदन प्यारी बने प्रभु वृषभानुनंदिनी, दक्षसुता गिरिधारी देव देवियों […]

Var De Veena Vadini Var De

सरस्वती स्तुति वर दे वीणावादिनि! वर दे! प्रिय स्वतंत्र रव अमृत मंत्र, नव भारत में भर दे काट अंध उर के बंधन-स्तर, बहा जननि, ज्योर्तिमय निर्झर कलुष-भेद-तम हर, प्रकाश भर, जगमग जग कर दे नव गति, नव लय, ताल-छंद, नव, नवल कंठ, नव जलद मंद्र रव नव नभ के नव विहग वृन्द को नव पर, […]