Pratham Saneh Duhun Man Janyo

राधे श्याम मिलन प्रथम सनेह दुहुँन मन जान्यो सैन-सैन कीनी सब बातें, गुपत प्रीति सिसुता प्रगटान्यो खेलन कबहुँ हमारे आवहु, नंद-सदन ब्रज – गाँउँ द्वारे आइ टेरि मोहि लीजो, कान्ह है मेरो नाउँ जो कहियै घर दूरि तुम्हारो, बोलत सुनियै टेर तुमहिं सौंह वृषभानु बबा की, प्रात-साँझ इक फेर सूधी निपट देखियत तुमकों, तातें करियत […]

Advitiy Madhuri Jodi

युगल माधुर्य अद्वितीय माधुरी जोड़ी, हमारे श्याम श्यामा की रसीली रसभरी अखियाँ, हमारे श्याम श्यामा की चितवनि कटीली बाँकी सुघड़ सूरत मधुर बतियाँ लटकनें कान में सुन्दर, हमारे श्याम श्यामा की मुकुट और चन्द्रिका माथे, अधर पर पान की लाली अहो! कैसी भली छबि है, हमारे श्याम श्यामा की प्रेम में वे पगे विहरें, श्री […]

Shyam Dekh Darpan Main Bole

राधिका श्याम सौन्दर्य श्याम देख दर्पण में बोले ‘सुनो राधिका प्यारी आज बताओ मैं सुन्दर या तुम हो सुभगा न्यारी’ असमंजस में पड़ी राधिका, कौन अधिक रुचिकारी ‘हम का कहें कि मैं गोरी पर, तुम तो श्याम बिहारी’ जीत गई वृषभानु-दुलारी, मुग्ध हुए बनवारी भक्तों के सर्वस्व राधिका-श्याम युगल मनहारी  

Baso Mere Nenan Me Yah Jori

राधा कृष्ण माधुर्य बसौ मेरे नैनन में यह जोरी सुन्दर श्याम कमल – दल – लोचन, सँग वृषभानु किशोरी मोर-मुकुट मकराकृति कुण्डल, पीताम्बर झकझोरी ‘सूरदास’ प्रभु तुम्हरे दरस को, कहा बरनौं मति थोरी

Ek Hi Swaroop Radhika Krishna

युगल सरकार एक ही स्वरूप राधिका कृष्ण, लीला रस हेतु ही पृथक रूप एक प्राण हैं श्री राधा मोहन, अरु प्रीति परस्पर भी अनूप राधा रानी है पूर्ण शक्ति, गोवर्धन-धारी शक्तिमान श्रीकृष्ण पुकारे राधा को, मुरली में गूँजे वही तान आह्लाद रूपिणी श्री राधा, श्री विग्रह उनका चपला सा मुख की सुंदरता अद्वितीय और हाव-भाव […]

Aarti Yugal Swaroop Ki

युगल किशोर आरती आरति युगल स्वरूप की कीजै, चरण-सरोज बसा मन लीजै नन्द तनय जसुमति महतारी, मदन गोपाल, गोवर्धन धारी चन्द्रमुखी वृषभानु-किशोरी, सुघड़ सलोनी सूरत न्यारी कमल नयन श्रीकृष्ण कन्हैया, निरख रूप रीझति है मैया गोरांगी राधा चित चोरी, दिव्य रूप पर जाय बलैया मोर-मुकुट कर मुरली सोहे, नटवर वेष देख मन मोहे दामिनि सी […]

Braj Me Hari Hori Machai

होली ब्रज में होरी मचाई इत ते आई कुँवरि राधिका, उतते कुँवर कन्हाई गोपिन लाज त्यागि रंग खेलत, शोभा बरनि न जाई, नंद-घर बजत बधाई बाजत ताल मृदंग बाँसुरी, बीना डफ शहनाई उड़त अबीर, गुलाल, कुंकुमा, रह्यो चहुँ दिसि छाई, मानो मघवा झड़ी लगाई भरि-भरि रंग कनक पिचकारी, सन्मुख सबै चलाई छिरकत रंग अंग सब […]

Kar Chintan Shri Krishna Ka

श्री राधाकृष्ण कर चिन्तन श्रीकृष्ण का, राधावर का ध्यान अमृत ही अमृत झरे, करुणा-प्रेम निधान जप तप संयम दान व्रत, साधन विविध प्रकार श्रीकृष्ण से प्रेम ही, निगमागम का सार कृष्ण कृष्ण कहते रहो, अमृत-मूरि अनूप श्रुति-शास्त्र का मधुर फल, रसमय भक्ति स्वरूप श्रीराधा की भक्ति में निहित प्यास का रूप आदि अन्त इसमें नहीं, […]

Ujjwal Aarti Mangal Kari

युगल किशोर आरती उज्ज्वल आरती मंगलकारी, युगल स्वरूप छटा मनहारी मेघवर्ण श्री कृष्ण मुरारी, विजयन्ती माला धुर धारी तिलक चारु अलकें घुँघरारी, पीताम्बर की शोभा-भारी कनक-लता श्री राधा प्यारी, सुघड़ शरीर सुरंगी सारी मुक्ता-माल करधनी न्यारी, स्वर्ण-चंद्रिका भी रुचिकारी राधा मोहन कुंज बिहारी, वृन्दावन यमुना-तट चारी तन-मन या छबि ऊपर वारी, भवनिधि पार करो गिरिधारी […]

Rath Par Rajat Sundar Jori

रथयात्रा रथ पर राजत सुन्दर जोरी श्री घनश्याम लाड़िलो सुन्दर, श्रीराधाजू गोरी चपल तुरंत चलत धरणी पर, भयो कुलाहल भारी आस पास युवतीजन गावत, देत परस्पर तारी व्योम विमान भीर भई सुर-मुनि, जय जय शब्द उचारी ‘सूरदास’ गोकुल के वासी, बानिक पर बलिहारी