Prabhu Ki Apaar Maya

शरणागति प्रभु की अपार माया, जिसने जगत् रचाया सुख दुःख का नजारा, कहीं धूप कहीं छाँया अद्भुत ये सृष्टि जिसको, सब साज से सजाया ऋषि मुनि या देव कोई, अब तक न पार पाया सब ही भटक रहे है, दुस्तर है ऐसी माया मुझको प्रभु बचालो, मैं हूँ शरण में आया  

Budhapa Bairi Tu Kyon Kare Takor

वृद्धा अवस्था बुढ़ापा बैरी, तूँ क्यों करे टकोर यौवन में जो साथ रहे, वे स्नेही बने कठोर जीर्ण हो गया अब तन सारा, रोग व दर्द सताते गई शक्ति बोलो कुछ भी तो, ध्यान कोई ना देते चेत चेत रे मनवा अब तो, छोड़ सभी भोगों को राम-कृष्ण का भजन किये बिन, ठोर नहीं हैं […]

He Gouri Putra Ganesh Gajanan

श्री गणेश प्राकट्य हे गौरी-पुत्र गणेश गजानन, सभी कामना पूर्ण करें कलियुग में पूजा अर्चन से, सारे कष्टों को शीघ्र हरे ब्रह्मा, विष्णु अरु रुद्र आप, अग्नि, वायु, रवि, चन्द्र आप श्रद्धा पूर्वक जो स्मरण करे, हर लेते सारे पाप ताप माँ पार्वती के सुत होकर के, प्रत्येक कल्प में जो आते वे परब्रह्म-भगवान कृष्ण, […]

Jiwan Ke Din Bas Char Bache

भक्ति भाव जीवन के दिन बस चार बचे, क्यों व्यर्थ गँवाये जाता है क्यों भक्ति योग का आश्रय ले, कल्याण प्राप्त नहीं करता है अज्ञान तिमिर को दूर करे, भगवान कपिल उपदिष्ट यही माँ देवहूति को प्राप्त वही, जो नहीं सुलभ अन्यत्र कहीं श्रद्धापूर्वक निष्काम भाव से, नित्य कर्म अति उत्तम है प्रतिमा दर्शन,पूजा सेवा, […]

Din Dukhi Bhai Bahano Ki Seva Kar Lo Man Se

जनसेवा दीन दुःखी भाई बहनों की सेवा कर लो मन से प्रत्युपकार कभी मत चाहो, आशा करो न उनसे गुप्त रूप से सेवा उत्तम, प्रकट न हो उपकार बनो कृतज्ञ उसी के जिसने, सेवा की स्वीकार अपना परिचय उसे न देना, सेवा जिसकी होए सेवा हो कर्तव्य समझ कर, फ लासक्ति नहीं होए परहित कर्म […]

Prabhu Ki Upaasana Nitya Kare

पूजन-अर्चन प्रभु की उपासना नित्य करे जो सत्य अलौकिक देव-भाव, जीवन में उनको यहीं भरे मन बुद्धि को जो सहज ही में, श्री हरि की प्रीति प्रदान करे भौतिक उपचारों के द्वारा, यह संभव होता निश्चित ही पूजन होए श्रद्धापूर्वक, अनिष्ट मिटे सारे तब ही पूजा का समापन आरती से, हरि भजन कीर्तन भी होए […]

Bhagvad Gita Sandesh Amar

श्रीमद्भगवद् गीता भगवद्गीता-संदेश अमर उपहार अनूठा करें ग्रहण, जैसे पुष्पों से सार भ्रमर गीताजी ऐसा क्रान्ति ग्रन्थ, मानव का जीवन सार्थक हो जिस पथ पर गये महाजन वो, हम चलें तभी अभ्युदय हो विपरीत परिस्थिति में जब हम, घिर जायँ न सूझे मार्ग हमें भ्रम दूर करें, निर्देश करें, गीताजी का कोई श्लोक हमें हम […]

Rasna Kyon Na Ram Ras Piti

राम रसपान रसना क्यों न राम रस पीती षट-रस भोजन पान करेगी, फिर रीती की रीती अजहूँ छोड़ कुबान आपनी, जो बीती सो बीती वा दिन की तू सुधि बिसराई, जा दिन बात कहीती जब यमराज द्वार आ अड़िहैं, खुलिहै तब करतूती ‘रूपकुँवरि’ मन मान सिखावन, भगवत् सन कर प्रीती 

Jiwan Ko Yagya Banaye Ham

यज्ञ जीवन को यज्ञ बनायें हम निष्काम भाव से ईश्वर को, जब कर्म समर्पित हो जाते तो अहं वासना जल जाते, मुक्ति का दान वही देते हम हवन कुण्ड में समिधा से अग्नि को प्रज्वलित करते आहुति दे घृत वस्तु की, वेदों में यज्ञ इसे कहते जब प्राण बचाने परेवा का, राजा शिवि जो अपने […]

Dushton Ka Sang Na Kabhi Karen

दुष्टों का संग दुष्टों का संग न कभी करें आचार जहाँ हो निंदनीय, मन में वह कलुषित भाव भरें दुष्कर्मी का जहँ संग रहे, सद्गुण की वहाँ न चर्चा हो क्रोधित हो जाता व्यक्ति तभी, विपरीत परिस्थिति पैदा हो होता अभाव सद्बुद्धि का, मानवता वहाँ न टिक पाती अभिशप्त न हो मानव जीवन, अनुकम्पा प्रभु […]