Uth Jaag Musafir Bhor Bhai

चेतावनी उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है जो सोवत है सो खोवत है, जो जागत है सो पावत है अब नींद से अँखियाँ खोल जरा, ओ बेसुध प्रभु से ध्यान लगा यह प्रीति करन की रीति नहीं, सब जागत है तू सोवत है नादान, भुगत करनी अपनी, ओ पापी पाप […]

Ram Krishna Kahiye Uthi Bhor

राम कृष्ण चरित्र राम कृष्ण कहिये उठि भोर श्री राम तो धनुष धरे हैं, श्री कृष्ण हैं माखन चोर उनके छत्र चँवर सिंहासन, भरत, शत्रुघन, लक्ष्मण जोर इनके लकुट मुकुट पीतांबर, नित गैयन सँग नंद-किशोर उन सागर में सिला तराई, इन राख्यो गिरि नख की कोर ‘नंददास’ प्रभु सब तजि भजिए, जैसे निरखत चंद चकोर […]