Guru Charno Me Shish Nava Ke Raghuvar

धनुष-भंग (राजस्थानी) गुरुचरणों में सीस नवा के, रघुवर धनुष उठायोजी बाण चढ़ावत कोई न देख्यो, झटपट तोड़ गिरायोजी तीन लोक अरु भवन चतुर्दश, सबद सुणत थर्रायोजी धरणी डगमग डोलन लागी, शेष नाग चकरायोजी शूरवीर सब धुजण लाग्या, सबको गरब मिटायो जी 

Bhagwan Krishna Ke Charno Main

स्तुति भगवान् कृष्ण के चरणों में, मैं करूँ वंदना बारंबार जो प्राणि-मात्र के आश्रय हैं, भक्तों के कष्ट वही हरतें ब्रह्मादि देव के भी स्वामी, मैं करूँ प्रार्थना बारंबार जो आदि अजन्मा भी यद्यपि हैं, पर विविध रूप धारण करते पृथ्वी पर लीलाएँ करते, मैं करूँ स्तवन बारंबार जब संकट से हम घिर जाते, करूणानिधि […]

Maa Charno Main Koti Pranam

देवी स्तवन माँ! चरणों में कोटि प्रणाम मायारूपिणि, शुद्धस्वरूपा, हे जगजननी! कोटि प्रणाम त्रिगुणातीता, वेदस्वरूपा, आदिशक्ति को कोटि प्रणाम लज्जा, शोभा, ज्ञान स्वरूपा, हे महिमामयी! कोटि प्रणाम रोग, शोक, भय, संकट हरनी, मंगल दायिनि! कोटि प्रणाम दुख-दारिद्र-निवारिणि देवी, हे नारायणि! कोटि प्रणाम करुणानिधि, कल्याणकारिणी, पतितपावनी! कोटि प्रणाम सर्जन, पालन, प्रलय-कारिणी, हिमनग-नंदिनी! कोटि प्रणाम मधु, कैटभ, […]