Din Dukhi Bhai Bahano Ki Seva Kar Lo Man Se

जनसेवा दीन दुःखी भाई बहनों की सेवा कर लो मन से प्रत्युपकार कभी मत चाहो, आशा करो न उनसे गुप्त रूप से सेवा उत्तम, प्रकट न हो उपकार बनो कृतज्ञ उसी के जिसने, सेवा की स्वीकार अपना परिचय उसे न देना, सेवा जिसकी होए सेवा हो कर्तव्य समझ कर, फ लासक्ति नहीं होए परहित कर्म […]

Dhan Sanchay Se Dukhi Hote

धन संचय धन संचय से दुःखी होते दूजों को वंचित करके ही हम धन की वृद्धि कर पाते हम स्वामी उतने ही धन के जिससे कि गुजारा हो जाये ज्यादा धन को अपना माने, वह व्यक्ति चोर ही कहलाये परिवार में धन के कारण ही आपस में बँटवारा होता ज्यादा धन से सुख मिलता है, […]

Yashoda Nand Gopijan Dukhi Hai

विरह वेदना यशोदा, नन्द, गोपीजन, दुखी है विरह पीड़ा से परम प्यारा सभी का मैं, कहे यो श्याम उद्धव से उधोजी ब्रज में जाकर के, मिले तब नन्द बाबा से कभी गोविंद आयेंगे, यों पूछा नन्द ने उनसे बही तब आँसुओं की धार, यशोदा नन्द नयनों से रुँध गया कण्ठ दोनों का, बोल ना पाय […]