Jab Jab Murli Knah Bajawat

मुरली मोहिनी जब जब मुरली कान्ह बजावत तब तब राधा नाम उचारत, बारम्बार रिझावत तुम रमनी, वे रमन तुम्हारे, वैसेहिं मोहि जनावत मुरली भई सौति जो माई, तेरी टहल करावत वह दासी, तुम्ह हरि अरधांगिनि, यह मेरे मन आवत ‘सूर’ प्रगट ताही सौं कहि कहि, तुम कौं श्याम बुलावत

Jab Se Mohi Nand Nandan Drashti Padyo Mai

मोहन की मोहिनी जब से मोहि नँद नंदन, दृष्टि पड्यो माई कहा कहूँ या अनुपम छवि, वरणी नहीं जाई मोरन की चन्द्रकला शीश मुकुट सोहे केसर को तिलक भाल तीन लोक मोहे कुण्डल की झलक तो, कपोलन पर छाई मानो मीन सरवर तजि, मकर मिलन आई कुटिल भृकुटि तिलक भाल, चितवन में टौना खंजन अरु […]

Itna To Karna Swami Jab Pran Tan Se Nikale

विनती इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से निकले श्री यमुनाजी का तट हो, स्थान वंशी-वट हो मेरा साँवरा निकट हो, जब प्राण तन से निकलें श्री वृन्दावन का थल हो, मेरे मुख में तुलसी दल हो विष्णु-चरण का जल हो, जब प्राण तन से निकलें […]

Jab Gaye Shyam Mathura Udho

विरह व्यथा जब गये श्याम मथुरा ऊधो, तब से गोकुल को भूल गये यो कहते नन्द यशोदा के, आँखों से आँसू छलक गये वह सुघड़ वेष कटि पीताम्बर, मुख कमल नित्य ही स्मरण करे संग ग्वाल सखा, वंशी वादन, वृन्दावन में लाला विचरे इस तरह नित्य मैया बाबा, सुत स्नेह लहर में थे बहते स्तन […]

Jab Murali Bajaye Muralidhar

मुरली मोहिनी जब मुरली बजायें मुरलीधर, उसके स्वर में हो मग्न सभी पशु पक्षी सभी सुन कर वंशी, वे कान लगायें उसी ओर मृग पत्नी सहित गौएँ बछड़े, निस्तब्ध चकित होए विभोर अधरामृत मुरली पान करे, स्वर उसमें भरते श्याम जभी सहचरी श्याम की है मुरली, वे नहीं छोड़ते उसे कभी इसने मन मोह लियासब […]

Jab Haar Kisi Ke Hath Nahi

समदृष्टि जय हार किसी के हाथ नहीं जब विजय प्राप्त हो अपने को, ले श्रेय स्वयं यह ठीक नहीं हम तो केवल कठपुतली हैं, सब कुछ ही तो प्रभु के वश में है जीत उन्हीं के हाथों में और हार भी उनके हाथों में जब मिलें पराजय अपयश हो, पुरुषार्थ हमारा जाय कहाँ हो हार […]