Mohan Jagi Ho Bali Gai

प्रभाती मोहन जागि, हौं बलि गई तेरे कारन श्याम सुन्दर, नई मुरली लई ग्वाल बाल सब द्वार ठाड़े, बेर बन की भई गय्यन के सब बन्ध छूटे, डगर बन कौं गई पीत पट कर दूर मुख तें, छाँड़ि दै अलसई अति अनन्दित होत जसुमति, देखि द्युति नित नई जगे जंगम जीव पशु खग, और ब्रज […]

Abhilasha Ashumati Man Jagi

यशोदा की लालसा अभिलाषा यशुमति मन जागी, मुसकाया जैसे ही लाला कब तुतला करके मैया कह, ये मुझे पुकारेगा लाला यह आयेगा दिन कब ऐसा, जब आँचल पकड़ेगा लाला हठ कर गोदी में आने को, मचलेगा मेरा यह लाला कब मंगलमय दिन आयेगा, हँस करके बोलेगा लाला