Hari Mere Jivan Pran Adhar

प्राणाधार हरि मेरे जीवन प्राण अधार और आसरो है नहीं तुम बिन, तीनूँ लोक मँझार आप बिना मोहि कछु न सुहावै, निरख्यौ सब संसार ‘मीराँ’ कहे मैं दासि रावरी, दीज्यौ मती बिसार

Jivan Ke Din Char Re Man Karo Punya Ke Kam

नाशवान संसार जीवन के दिन चार रे, मन करो पुण्य के काम पानी का सा बुदबुदा, जो धरा आदमी नाम कौल किया था, भजन करूँगा, आन बसाया धाम हाथी छूटा ठाम से रे, लश्कर करी पुकार दसों द्वार तो बन्द है, निकल गया असवार जैसा पानी ओस का, वैसा बस संसार झिलमिल झिलमिल हो रहा, […]

Mare Jivan Dhan Nandlal

निवेदन मेरे जीवन धन नंदलाल तुम बिनु मेरे प्राणनाथ! ये तन मन बहुत विहाल तरसहिं नयन दरस को निसिदिन, लागहिं भोग बवाल इसी भाँति सब वयस बिताई, मिले ने तुम गोपाल कहा करों, कोउ पन्थ न सूझत, कैसे मिलि हो लाल मेरे जीवन के जीवन तुम, तुम बिनु सब जंजाल कहा तिहारी बान प्रानधन, तरसावहु […]

Jagat Main Jivan Do Din Ka

नश्वर संसार जगत् में जीवन दो दिन का पाप कपट कर माया जोड़ी, गर्व करे धन का सभी छोड़कर चला मुसाफिर, वास हुआ वन का सुन्दर काया देख लुभाया, लाड़ करे इसका श्वास बन्द हो बिखरे देही, ज्यों माला मनका यह संसार स्वप्न की माया, मिलना कुछ दिन का ‘ब्रह्मानंद’ भजन कर ले तूँ, जपो […]

Jagat Main Jivan Hai Din Char

सदुपदेश जगत में जीवन है दिन चार खरी कमाई से ही भोगो, किंचित सुख संसार मात-पिता गुरुजन की सेवा, कीजै पर उपकार पशु पक्षी जड़ सब के भीतर, ईश्वर अंश निहार द्वेष भाव मन से बिसराओ, करो प्रेम व्यवहार ‘ब्रह्मानंद’ तोड़ भव-बंधन, यह संसार असार

Satsang Kare Jo Jivan Main

शिव स्तवन सत्संग करे जो जीवन में, हो जाये बेड़ा पार काशी जाये मधुरा जाये, चाहे न्हाय हरिद्वार चार धाम यात्रा कर आये, मन में रहा विकार बिन सत्संग ज्ञान नहीं उपजे, हो चाहे यत्न हजार ‘ब्रह्मानंद’ मिले जो सदगुरु, हो अवश्य उद्धार

Adhyatmik Jivan Ko Jiye

अध्यात्म चिंतन आध्यात्मिक जीवन को जीये, सुख शांति सुलभ होगी अपार धन दौलत अथवा विषय भोग की, लिप्सा में कोई न सार तृष्णा का अन्त नहीं आता, बेचैन सदा ही मन रहता संपत्ति सुखों के चक्कर में, आशाओं से मन नहिं भरता जहाँ ममता, चाह, अहं न रहे, निस्पृह होकर विचरण करते तब शांति सुलभ […]

Jagat Main Jivan Kuch Din Ka

नश्वर जीवन जगत् में जीवन कुछ दिन का देह मिली मानव की प्रभु से कर न गर्व इसका सदुपयोग तूँ कर विवेक का, मत कर तूँ मन का काल बली माथे पर नाचे, पता नहीं छिन का राम नाम के दो अक्षर में, सब सुख शांति समाई राम नाम भजले मनवा तूँ, भवसागर तर जाई […]

Jagat Main Jivan Ke Din Char

नश्वर जीवन जगत में जीवन के दिन चार मिला विवेक प्रभु से हमको, इसका करो विचार फँस मत जाना यहाँ मोह में, सभी कपट व्यवहार किसका तूँ है कौन तुम्हारा, स्वार्थ पूर्ण संसार मानव तन दुर्लभ दुनिया में, कर सेवा उपकार प्रभु से प्रीति लगाले प्यारे, नहीं करें भव-पार 

Jivan Main Har Nahi Mane

पराजय जीवन में हार नहीं माने घबराये नहीं विषमता से, आती हमको वे चेताने जो गुप्त सुप्त शक्ति हममें, उसको ही वह जागृत करने प्रतिकूल परिस्थिति आती है, एक बार पुन: अवसर देने जब तक ये प्राण रहे तन में, कठिनाई जीते हमें नहीं हम आश्रय ले परमात्मा का, आखिर में जीतेंगे हम ही