Satsang Kare Jo Jivan Main

शिव स्तवन सत्संग करे जो जीवन में, हो जाये बेड़ा पार काशी जाये मधुरा जाये, चाहे न्हाय हरिद्वार चार धाम यात्रा कर आये, मन में रहा विकार बिन सत्संग ज्ञान नहीं उपजे, हो चाहे यत्न हजार ‘ब्रह्मानंद’ मिले जो सदगुरु, हो अवश्य उद्धार

Apurva Nratya Hanuman Kare

मारुति-सुत का नृत्य अपूर्व नृत्य हनुमान करें है दिव्य देह, सिन्दूर लेप, करताल करो में चित्त हरें आनन्दित मुख की श्रेष्ठ छटा, श्रीराम नाम का गान करें चरणों में मोहक घुँघरू, दो नयनों से प्रेमाश्रु झरें कटि में शोभित है रक्ताम्बर, अंजनी-सुत हम पर कृपा करें

Abhiman Vyakti Ka Patan Kare

अभिमान अभिमान व्यक्ति का पतन करे धन, बुद्धि, विद्या, पद का हो, अभिमान व्यक्ति का ज्ञान हरे अपमान करे कोई का जो, वह बीज द्वेष का बोता है परमात्म तत्त्व ही आत्मा तो, आत्मा का अनादर होता है हम क्षमा मैत्री का भाव रखें, हम अहंकार से दूर रहें सन्मति से शत्रु मित्र बने, हो […]

Aasakti Jagat Ki Nashta Kare

सत्संग की महिमा आसक्ति जगत् की नष्ट करें, खुल जाता है मुक्ति का द्वार स्वाध्याय, सांख्य व योग, त्याग, प्रभु को प्रसन्न उतने न करें व्रत, यज्ञ, वेद या तीर्थाटन, यम, नियम, प्रभु को वश न करें तीनों युग में सत्संग सुलभ, जो करे प्रेम से नर नारी यह साधन श्रेष्ठ सुगम निश्चित, दे पूर्ण […]

Kahe Ko Soch Kare Manwa Tu

कर्मयोग काहे को सोच करे मनवा तूँ! होनहार सब होता प्यारे मंत्र जाप से शांति मिले पर, विधि -विधान को कैसे टारे कर्म किया हो जैसा तुमने, तदनुसार प्रारब्ध बना है जैसी करनी वैसी भरनी, नियमबद्ध सब कुछ होना है हरिश्चन्द्र, नल, राम, युधिष्ठिर, नाम यशस्वी दुनिया जाने पाया कष्ट गये वो वन में, कर्म-भोग […]

Jo Nishchal Bhakti Kare

शिव आराधना जो निश्छल भक्ति करे उसको, भोले शम्भू अपना लेते वे धारण करें रजोगुण को, और सृष्टि की रचना करते होकर के युक्त सत्त्वगुण से, वे ही धारण पोषण करते माया त्रिगुणों से परे प्रभु, शुद्ध स्वरूप स्थित होते ब्रह्मा, विष्णु, अरु, रुद्र, रूप, सृष्टि, पालन,लय वहीं करें हैं पूर्ण ब्रह्म प्रभु आशुतोष, अपराध […]

Tan Man Se Gopiyan Priti Kare

व्यथित गोपियाँ तन मन से गोपियाँ प्रीति करें, यही सोच कर प्रगटे मोहन कटि में पीताम्बर वनमाला और मोर मुकुट भी अति सोहन कमनीय कपोल, मुस्कान मधुर, अद्वितीय रूप मोहन का था उत्तेजित कर तब प्रेम भाव जो परमोज्ज्वल अति पावन था वे कण्ठ लगे उल्लास भरें, श्रीकृष्ण करें क्रीड़ा उनसे वे लगीं सोचने दुनियाँ […]

Devi Doshon Ka Daman Kare

देवी चरित्र देवी दोषों का दमन करे करती कृपा सदा भक्तों पर, उनके कष्ट हरे नष्ट करें दुष्टो को माता, कर त्रिशूल धरे मूल प्रकृति से सृष्टि का सृजन, ये भी आप करे चन्द्रवदनी माँ दिव्याभूषण, वस्त्र धरे रति लाजे वे ही तो हिमाचल की पुत्री जो, शिव वामांग विराजै महिषासुर निशुम्भ शुम्भ का भी, […]

Pitaron Ka Shradha Avashya Kare

पितृ-श्राद्ध पितरों का श्राद्ध अवश्य करें श्रद्धा से करे जो पुत्र पौत्र, वे पितरों को सन्तुष्ट करें जो देव रुद्र आदित्य वसु, निज ज्ञान-शक्ति के द्वारा ही किस योनी में उत्पन्न कहाँ, कोई देव जानते निश्चय ही ये श्राद्ध वस्तु देहानुरूप, दे देते हैं उन पितरों को विधि पूर्वक होता श्राद्ध कर्म, आशीष सुलभ सन्तानों […]

Prabhu Ki Upaasana Nitya Kare

पूजन-अर्चन प्रभु की उपासना नित्य करे जो सत्य अलौकिक देव-भाव, जीवन में उनको यहीं भरे मन बुद्धि को जो सहज ही में, श्री हरि की प्रीति प्रदान करे भौतिक उपचारों के द्वारा, यह संभव होता निश्चित ही पूजन होए श्रद्धापूर्वक, अनिष्ट मिटे सारे तब ही पूजा का समापन आरती से, हरि भजन कीर्तन भी होए […]