पार्वती वन्दना
जय-जय-जय गिरिराजकिशोरी
जय महेश मुखचंद्र चकोरी
जय गजवदन षडानन माता
जग-जननी दामिनि-द्युति दाता
नहिं तव आदि मध्य अवसाना
अमित प्रभाव वेद नहीं जाना
भव-भय-विभव पराभव कारिणि
विश्व-विमोहिनि स्वबस विहारिणि
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Kishori Tere Charanan Ki Raj Pau
श्री श्री राधा महात्म्य
किशोरी तेरे चरणन की रज पाऊँ
बैठि रहौं कुंजन की कोने, श्याम राधिका गाऊँ
जो रज शिव सनकादिक लोचन, सो रज शीश चढाऊँ
राधा स्वामिनि की छवि निरखूँ, नित्य विमल यश गाऊँ
अद्वितीय सौन्दर्य तुम्हारा, मन-मंदिर बिठलाऊँ