He Hari Nam Ko Aadhar

नाम स्मरण है हरि नाम को आधार और या कलिकाल नाहिन, रह्यो विधि ब्यौहार नारदादि, सुकादि संकर, कियो यहै विचार सकल श्रुति दधि मथत काढ्यो, इतो ही घृतसार दसहुँ दिसि गुन करम रोक्यो, मीन को ज्यों जार ‘सूर’ हरि को सुजस गावत, जेहि मिटे भवभार

Chanchal Man Ko Vash Me Karna

मनोनिग्रह चंचल मन को वश में करना दृढ़ता से साधन अपनायें, पूरा हो यह सपना भोगों में दुख दोष को देखें, तृष्णा मन की त्यागें भाव रहे समता परहित का, राग द्वेष सब भागें प्रभु के यश का करें कीर्तन, ध्यान मानसिक पूजा शरणागत हो चरण-कमल में, भाव रहे नहीं दूजा प्राणायाम करें नियम से, […]

Pratham Gou Charan Ko Din Aaj

गौचारण प्रथम गो-चारन को दिन आज प्रातःकाल उठि जसुमति मैया, सुमन सजाये साज विविध भाँति बाजे बाजत है, रह्यो घोष अति गाज गोपीजन सब गीत मनोहर, गाये तज सब काज लरिका सकल संग संकर्षण, वेणु बजाय रसाल धेनू चराये बाल-कृष्ण-प्रभु, नाम धर्यो गोपाल  

Nato Nam Ko Mosu Tanak Na Todyo Jay

गाढ़ी प्रीति नातो नाम को मोसूँ, तनक न तोड्यो जाय पानाँ ज्यूँ पीली पड़ी रे, लोग कहै पिंड रोग छाने लँघन मैं कियो रे, श्याम मिलण के जोग बाबुल वैद बुलाइया रे, पकड़ दिखाई म्हाँरी बाँह मूरख वैद मरम नहि जाणे, दरद कलेजे माँह जाओ वैद घर आपणे रे, म्हाँरो नाम न लेय ‘मीराँ’ तो […]

Chalo Ri Sakhi Nand Bhawan Ko Jayen

प्रभाती चलोरी सखि, नन्द भवन को जायें मिले श्याम सुन्दर का दर्शन, जीवन की निधि पायें प्रातः काल भयो सखि माँ लाला को रही जगाये उबटन लगा लाल को मैया, अब उसको नहलाये स्नेह भाव जसुमति के मन में, नवनीत उसे खिलाये केश सँवार नयन में काजल, माथे तिलक लगाये रेशम को जामा पहनाकर, स्नेह […]

Prabhu Ko Prasanna Ham Kar Paye

श्रीमद्भागवत प्रभु को प्रसन्न हम कर पाये चैतन्य महाप्रभु की वाणी, श्री कृष्ण भक्ति मिल जाये कोई प्रेम भक्ति के बिना उन्हें, जो अन्य मार्ग को अपनाये सखि या गोपी भाव रहे, संभव है दर्शन मिल जाये हम दीन निराश्रय बन करके, प्रभु प्रेमी-जन का संग करें भगवद्भक्तों की पद-रज को, अपने माथे पर स्वतः […]

Aiso Ko Udar Jagmahi

राम की उदारता ऐसो को उदार जग माहीं बिनु सेवा जो द्रवै दीन पर, राम सरिस कोउ नाहीं जो गति जोग बिराग जतन करि, नहिं पावत मुनि ग्यानी सो गति देत गीध सबरी कहँ, प्रभु न बहुत जिय जानी जो संपत्ति दस सीस अरपि करि रावन सिव पहँ लीन्हीं सोई संपदा विभीषन कहँअति, सकुच सहित […]

Hamro Pranam Banke Bihari Ko

मीरा का प्रणाम हमरो प्रणाम बाँके बिहारी को मोर मुकुट माथे तिलक बिराजै, कुण्डल अलका कारी को अधर धर मुरली मधुर बजावै, रिझावै राधा प्यारी को यह छबि देख मगन भई ‘मीराँ’, मोहन गिरिवर धारी को

Gopiyan Dhundh Rahi Mohan Ko

अनुराग गोपियाँ ढूँढ रही मोहन को हम भटक रही है वन में, प्रिय दर्शन दे दो हमको वह प्रेम भरा आलिंगन, मनमोहक प्यारी चितवन तो लगीं गर्व हम करने, त्रुटि हमसे हुई बिहारी हे पीपल, आम, चमेली! चितचोर कहाँ क्या देखा! तुम हमको मार्ग बता दो,हम दुःखी हैं ब्रजनारी तब चरणचिन्ह गोविन्द के, वें देख […]

Prabhu Ne Vedon Ko Pragat Kiya

चतुर्वेद महिमा प्रभु ने वेदों को प्रगट किया भगवान् व्यास ने वेदों को देकर हम पर उपकार किया ऋग्वेद के द्वारा निस्संदेह, विज्ञान सृष्टि को जान सके हम यजुर्वेद का मनन करें, क्या अन्तरिक्ष पहचान सके हम सामवेद का छन्द पढ़ें, ब्रह्मोपासना सुलभ बने हो अथर्ववेद का पारायण, तो स्वास्थ्य हमारा भला बने जो शिरोभाग […]