Yah Lila Sab Karat Kanhai

अन्नकूट यह लीला सब करत कन्हाई जेंमत है गोवर्धन के संग, इत राधा सों प्रीति लगाई इत गोपिनसों कहत जिमावो, उत आपुन जेंमत मन लाई आगे धरे छहों रस व्यंजन, चहुँ दिसि तें सोभा अधिकाई अंबर चढ़े देव गण देखत, जय ध्वनि करत सुमन बरखाई ‘सूर’ श्याम सबके सुखकारी, भक्त हेतु अवतार सदाई

Nana Vidhi Lila Karen Shyam

भक्त के भगवान नाना विधि लीला करें स्याम श्री हरि की शरण गजेन्द्र गया, जभी ग्राह ने जकड़ लिया विनती को सुन फौरन पहुँचे और ग्राह से मुक्त किया द्रुपत सुता का चीर खिंच रहा बोली-‘आस तिहारी’ लिया वस्त्र अवतार बचाई, लाज तभी गिरधारी नहीं उठाऊँ शस्त्र युद्ध में, यह केशव की बान तोड़ प्रतिज्ञा […]