Bhagwan Krishna Lilamrut Ka

ब्रह्माजी का भ्रम भगवान् कृष्णलीलामृत का, हम तन्मय होकर पान करें ब्रह्मा तक समझ नहीं पाये, उन सर्वात्मा का ध्यान धरें यमुनाजी का रमणीय-पुलीन, जहाँ ग्वाल बाल भी सँग में हैं मंडलाकार आसीन हुए, भगवान् बीच में शोभित हैं बछड़े चरते थे हरी घास, मंडली मग्न थी भोजन में भगवान कृष्ण की लीला से, ब्रह्मा […]