Patiyan Main Kaise Likhu Likhi Hi Na Jay

विरह व्यथा पतियाँ मैं कैसे लिखूँ, लिखि ही न जाई कलम धरत मेरो कर कंपत है, हियड़ो रह्यो घबराई बात कहूँ पर कहत न आवै, नैना रहे झर्राई किस बिधि चरण कमल मैं गहिहौं, सबहि अंग थर्राई ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, बेगि मिल्यो अब आई

Man Fula Fula Fire Jagat Main Kaisa Nata Re

असार संसार मन फूला-फूला फिरे जगत में कैसा नाता रे मात कहै यह पुत्र हमारा, बहन कहै वीर मेरा रे भाई कहै यह भुजा हमारी, नारी कहै नर मेरा रे पेट पकड़ के माता रोवे, बाँह पकड़ के भाई रे लपटि झपटि के तिरिया रोवे, हंस अकेला जाई रे चार गजी चादर मँगवाई, चढ़ा काठ […]

Shankar Teri Jata Main Shamil Hai Gang Dhara

शिवशंकर शंकर तेरी जटा में शोभित है गंग-धारा काली घटा के अंदर, चपला का ज्यों उजारा गल मुण्डमाल राजे, शशि शीश पर बिराजे डमरू निनाद बाजे, कर में त्रिशूल साजे मृग चर्म वसन धारी, नंदी पे हो सवारी भक्तों के दुःख हारी, गिरिजा के सँग विहारी शिव नाम जो उचारे, सब पाप दोष जारे भव-सिंधु […]

Jivan Main Har Nahi Mane

पराजय जीवन में हार नहीं माने घबराये नहीं विषमता से, आती हमको वे चेताने जो गुप्त सुप्त शक्ति हममें, उसको ही वह जागृत करने प्रतिकूल परिस्थिति आती है, एक बार पुन: अवसर देने जब तक ये प्राण रहे तन में, कठिनाई जीते हमें नहीं हम आश्रय ले परमात्मा का, आखिर में जीतेंगे हम ही  

Bhagwan Tumhare Mandir Main

प्रभु दर्शन भगवान् तुम्हारे मंदिर मैं, मैं दर्शन करने आई हूँ वाणी में तो माधुर्य नहीं, पर स्तुति करने आई हूँ मैं हूँ दरिद्र अति दीन दुखी, कुछ नहीं भेंट है देने को नयनों में केवल अश्रु बचे, चरणों की पूजा करने को हे नाथ मेरे, मैं तो अनाथ, करुणानिधि मुझ पर कृपा करो मैं […]

Van Main Ruchir Vihar Kiyo

वन विहार वन में रुचिर विहार कियो शारदीय पूनम वृन्दावन, अद्भुत रूप लियो धरी अधर पे मुरली मोहन स्वर लहरी गुंजाई ब्रज बालाएँ झटपट दौड़ी, सुधबुध भी बिसराई छलिया कृष्ण कहे सखियों को, अनुचित निशि में आना लोक लाज मर्यादा हेतु, योग्य पुनः घर जाना अनुनय विनय करें यों बोली, ‘तुम सर्वस्व हमारे’ ‘पति-पुत्र घर […]

Bala Main Beragan Hungi

वैराग्य बाला, मैं वैरागण हूँगी जिन भेषाँ म्हारो साहिब रीझे, सो ही भेष धरूँगी सील संतोष धरूँ घट भीतर, समता पकड़ रहूँगी जाको नाम निरंजन कहिए, ताको ध्यान धरूँगी गुरु के ज्ञान रगूँ तन कपड़ा, मन-मुद्रा पैरूँगी प्रेम-प्रीत सूँ हरि-गुण गाऊँ, चरणन लिपट रहूँगी या तन की मैं करूँ कींगरी, रसना नाम रटूँगी ‘मीराँ’ के […]

Man Lago Mero Yar Fakiri Main

संतुष्टि मन लागो मेरो यार फकीरी में जो सुख पाओ राम-भजन में, सो सुख नाहिं अमीरी में भला-बुरा सबका सुन लीजै, करि गुजरान गरीबी में प्रेमनगर में रहनि हमारी, भलि बन गई सबूरी में हाथ में कूँड़ी बगल में सोटा, चारो दिसा जगीरी में आखिर यह तन खाक मिलेगा, कहाँ फिरत मगरूरी में कहत ‘कबीर’ […]

Satsang Kare Jo Jivan Main

शिव स्तवन सत्संग करे जो जीवन में, हो जाये बेड़ा पार काशी जाये मधुरा जाये, चाहे न्हाय हरिद्वार चार धाम यात्रा कर आये, मन में रहा विकार बिन सत्संग ज्ञान नहीं उपजे, हो चाहे यत्न हजार ‘ब्रह्मानंद’ मिले जो सदगुरु, हो अवश्य उद्धार

Thali Bhar Kar Lai Main Khicado

नैवेद्य अर्पण थाली भरकर लाई मैं खीचड़ो, ऊपर घी की वाटकी जीमो म्हारा कृष्ण कन्हाई, जिमावै बेटी जाट की बापू म्हारो गाँव गयो है, न जाणे कद आवेगो बाट देख बैठ्या रहणे से, भूखो ही रह जावेगो आज जिमाऊँ थने खीचड़ो, काल राबड़ी छाछ की जीमो म्हारा कृष्ण कन्हाई, जिमावें बेटी जाट की बार-बार पड़दो […]