Mohan Lalpalne Jhule Jasumati Mat Jhulave Ho

झूला मोहनलाल पालने झूलैं, जसुमति मात झुलावे हो निरिख निरखि मुख कमल नैन को, बाल चरित जस गावे हो कबहुँक सुरँग खिलौना ले ले, नाना भाँति खिलाये हो चुटकी दे दे लाड़ लड़ावै, अरु करताल बजाये हो पुत्र सनेह चुचात पयोधर, आनँद उर न समाये हो चिरजीवौ सुत नंद महर को, ‘सूरदास’ हर्षाये हो

Chod Mat Jajo Ji Maharaj

म्हारी लाज छोड़ मत जाजो जी महाराज मैं अबला बल नाहिं गुसाईं, तुम मेरे सिरताज मैं गुणहीन गुण नाहिं गुसाईं, तुम समरथ महाराज थाँरी होय के किणरे जाऊँ, तुम हिवड़ा रा साज मीराँ के प्रभु और न कोई, राखो म्हारी लाज

Jogi Mat Ja Mat Ja Mat Ja

विरह व्यथा जोगी मत जा, मत जा, मत जा, पाँव पड़ू मैं तोरे प्रेम भगति को पंथ है न्यारो, हमकूँ गैल बता जा अगर चंदन की चिता बनाऊँ, अपने हाथ जला जा जल-जल भई भस्म की ढेरी, अपने अंग लगा जा ‘मीराँ’ कहे प्रभु गिरिधर नागर, जोत में जोत मिला जा

Shyam Mohi Mat Tarsavo Ji

विरह व्यथा श्याम मोहि मत तरसावोजी तुम्हरे कारन सब सुख छोड्या, अब क्यूँ देर लगावोजी विरह विथा लागी उर अंतर, सो तुम आय बुझावोजी अब मत छोड़ो मोहि प्रभुजी, हँस कर तुरत बुलावोजी ‘मीराँ’ दासी जनम-जनम की, अंग से अंग मिलावोजी

Mat Kar Moh Tu Hari Bhajan Ko Man Re

भजन महिमा मत कर मोह तू, हरि-भजन को मान रे नयन दिये दरसन करने को, श्रवण दिये सुन ज्ञान रे वदन दिया हरि गुण गाने को, हाथ दिये कर दान रे कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, कंचन निपजत खान रे

Mat Bandho Gathariya Apjas Ki

भक्ति रस मत बाँधो गठरिया, अपजस की यो संसार मेघ की छाया, करो कमाई हरि-रस की जोर जवानी ढलक जायगी, बाल अवस्था दस दिन की धर्मदूत जब फाँसी दारे, खबर लेत तेरी नस नस की कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, बात नहीं तेरे बस की

Muraliya Mat Baje Ab Aur

मुरली का जादू मुरलिया! मत बाजै अब और हर्यौ सील-कुल-मान करी बदनाम मोय सब ठौर रह्यो न मोपै जाय सुनूँ जब तेरी मधुरी तान उमगै हियौ, नैन झरि लागै, भाजन चाहैं प्रान कुटिल कान्ह धरि तोय अधर पर, राधा राधा टेरे रहै न मेरौ मन तब बस में, गिनै न साँझ सवेरे

Mat Kar Itana Pyar Tu Tan Se

देह से प्रेम मत कर इतना प्यार तू तन से, नहीं रहेगा तेरा बहुत सँवारा इत्र लगाया, और कहे यह मेरा बढ़िया भोजन नित्य कराया, वस्त्रों का अंबार बचपन, यौवन बीत गया तब, उतरा मद का भार पति, पत्नी-बच्चों तक सीमित था तेरा संसार स्वारथ के साथी जिन पर ही, लूटा रहा सब प्यार सब […]

Mat Yashoda Shri Ganesh Ki

श्री गणेश-श्री कृष्ण मात यशोदा श्री गणेश की पूजा करने को आई मोदक भर कर थाल सजाया, कान्हा को सँग में लाई नटवर की नटखट चालों की, याद उन्हें जैसे आई विघ्न न पूजा में हो जाये, शंका मन में जब आई तभी कन्हैया को खम्भे से, डोरी से जो बाँध दिया फिर विघ्नेश्वर की […]