Mukhada Ni Maya Lagi Re

मोहन का सौंदर्य (गुजराती) मुखड़ानी माया लागी रे, मोहन प्यारा मुखड़ूँ मैं जोयुँ तारूँ, सब जग थयुँ खारूँ, मन मारूँ रह्युँ न्यारूँ रे संसारी, नुँ सुख एवुँ, झाँझवाना नीर जेवुँ, तेने तुच्छ करी फरिये रे ‘मीराँबाई’ बलिहारी, आशा मने एक तारी, हवे हुँ तो बड़भागी रे

Prabhu Adbhut Teri Maya

मोह माया प्रभु अद्भुत तेरी माया, जिसका पार न कोई पाया धन दौलत सम्बन्धी अथवा, पुत्र पिता या जाया ममता कभी न छूटे उनसे, जिनमें रहा भुलाया गर्भवास कर नौ महिने तक, पृथ्वी पर मैं आया प्यार मिला घर के लोगों से, समझ नहीं कुछ पाया युवा काल ऐसे ही खोया, मस्ती मजा उड़ाया वृद्धावस्था […]

Prabhu Ki Apaar Maya

शरणागति प्रभु की अपार माया, जिसने जगत् रचाया सुख दुःख का नजारा, कहीं धूप कहीं छाँया अद्भुत ये सृष्टि जिसको, सब साज से सजाया ऋषि मुनि या देव कोई, अब तक न पार पाया सब ही भटक रहे है, दुस्तर है ऐसी माया मुझको प्रभु बचालो, मैं हूँ शरण में आया  

Maya Se Tarna Dustar Hai

माया माया से तरना दुस्तर है आसक्ति के प्रति हो असंग, दूषित ममत्व बाहर कर दें मन को पूरा स्थिर करके, प्रभु सेवा में अर्पित कर दें पदार्थ सुखी न दुखी करते, व्यर्थ ही भ्रम को मन में रखते होता न ह्रास वासना का, विपरीत उसकी वृद्धि करते मन को नहीं खाली छोड़े हम, सत्संग […]