Jab Murali Bajaye Muralidhar

मुरली मोहिनी जब मुरली बजायें मुरलीधर, उसके स्वर में हो मग्न सभी पशु पक्षी सभी सुन कर वंशी, वे कान लगायें उसी ओर मृग पत्नी सहित गौएँ बछड़े, निस्तब्ध चकित होए विभोर अधरामृत मुरली पान करे, स्वर उसमें भरते श्याम जभी सहचरी श्याम की है मुरली, वे नहीं छोड़ते उसे कभी इसने मन मोह लियासब […]