Nand Nandan Aage Nachungi

गाढ़ी प्रीति नँद-नंदन आगे नाचूँगी नाच नाच पिय तुमहिं रिझाऊँ, प्रेमीजन को जाँचूँगी प्रेम प्रीत का बाँध घूँघरा, मोहन के ढिंग छाजूगीं लोक-लाज कुल की मरजादा, या मैं एक न राखूँगी पिय के पलँगाँ जा पौढूँगी, ‘मीराँ’ हरि रँग राँचूँगी

Mero Man Nand Nandan Ju Haryo

श्रीकृष्ण छटा मेरो मन नँद-नन्दन जू हर्यो खिरक दुहावन जात रही मैं, मारग रोक रह्यो वह रूप रसीलो ऐसो री, नित नूतन मन ही फँस्यो वह निरख छटा अब कित जाऊँ, हिरदै में आन बस्यौ तेहि छिन ते मोहिं कछु न सुहावै, मन मेरो लूट लियो त्रिभुवन-सुन्दर प्रति प्रेम सखी, है अटल न जाय टर्यो 

Nand Ghar Aaj Bhayo Anand

श्री कृष्ण प्राकट्य नन्द घर आज भयो आनन्द मातु यशोदा लाला जायो, ज्यों पूनों ने चन्द गोपी गोप गाय गायक-गन, सब हिय सरसिज वृन्द नन्दनँदन रवि उदित भये हिय, विकसे पंकज वृन्द वसुधा मुदित समीर बहत वर, शीतल मन्द सुगन्ध गरजत मन्द मन्द घन नभ महँ, प्रकटे आनँद कन्द माया बन्धु सिन्धु सब सुख के, […]

Yashumati Nand Nandan Banwari

वन भेजे यशुमति नँद-नंदन बनवारी रूप माधुरी कमल-नयन की, अद्वितीय मनहारी लटकनी चाल, लकुटिया कर में, गौ-वत्स चराने जाये विद्युत-सी दंतावलि दमके, मनमोहन मुस्काये ग्वाल-बाल सँग भोजन करते, वन में आज बिहारी गोलाकार बिराजै बालक, मध्य गोवर्धनधारी छवि देखने देव देवियाँ, तभी गगन में आये रूप माधुरी निरख श्याम की, आनँद नहीं समाये भोजन में […]

Aaj Grah Nand Mahar Ke Badhai

जन्मोत्सव आज गृह नंद महर के बधाई प्रात समय मोहन मुख निरखत, कोटि चंद छवि छाई मिलि ब्रज नागरी मंगल गावति, नंद भवन में आई देति असीस, जियो जसुदा-सुत, कोटिन बरस कन्हाई अति आनन्द बढ्यौ गोकुल में, उपमा कही न जाई ‘सूरदास’ छवि नंद की घरनी, देखत नैन सिराई

Krishna Ghar Nand Ke Aaye Badhai Hai Badhai Hai

श्रीकृष्ण प्राकट्य कृष्ण घर नंद के आये, बधाई है बधाई है करो सब प्रेम से दर्शन, बधाई है बधाई है भाद्र की अष्टमी पावन में प्रगटे श्याम मनमोहन सुखों की राशि है पाई, बधाई है बधाई है मुदित सब बाल, नर-नारी, चले ले भेंट हाथों में देख शोभा अधिक हर्षित, बधाई है बधाई है कृष्ण […]

Yashoda Nand Gopijan Dukhi Hai

विरह वेदना यशोदा, नन्द, गोपीजन, दुखी है विरह पीड़ा से परम प्यारा सभी का मैं, कहे यो श्याम उद्धव से उधोजी ब्रज में जाकर के, मिले तब नन्द बाबा से कभी गोविंद आयेंगे, यों पूछा नन्द ने उनसे बही तब आँसुओं की धार, यशोदा नन्द नयनों से रुँध गया कण्ठ दोनों का, बोल ना पाय […]

Gopiyan Aai Nand Ke Dware

होली गोपियाँ आईं नन्द के द्वारे खेलत फाग बसंत पंचमी, पहुँचे नंद-दुलारे कोऊ अगर कुमकुमा केसर, काहू के मुख पर डारे कोऊ अबीर गुलाल उड़ावे, आनँद तन न सँभारे मोहन को गोपी निरखत सब, नीके बदन निहारे चितवनि में सबही बस कीनी, मनमोहन चित चोरे ताल मृदंग मुरली दफ बाजे, झाँझर की झन्कारे ‘सूरदास’ प्रभु […]

Chalo Ri Mile Natwar Nand Kishor

श्री राधा कृष्ण चलोरी, मिले नटवर नंदकिशोर श्रीराधा के सँग विहरत है सघन कुंज चितचोर तैसिय छटा घुमड़ि चहुँ दिसि तें, गरजत है घनघोर बिजुरी चमक रही अंबर में, पवन चलत अति जोर पीत-वसन में श्याम, राधिका नील-वसन तन गोर सदा विहार करो ‘परमानँद’, बसो युगल मन मोर

Lal Bhaye Nand Lal

होली लाल भये नँदलाल, साँवरो रंग गयो है लाल मुकुट, कटि लाल हैं, लाल गले वनमाल अलकें लाल सुलाल होठ के, दर्शन करें निहाल ढंग यह आज नयो है गोप गोपियाँ सभी लाल हैं, और बज रही ताल ढोल मृदंग झाँझ सब बाजे, नभ में लाल गुलाल अनोखो फाग छयो है गगन लाल अरु घटा […]