Radha Nain Neer Bhari Aai

मिलन उत्सुकता राधा नैन नीर भरि आई कबहौं स्याम मिले सुन्दर सखि, यदपि निकट है आई कहा करौं केहि भाँति जाऊँ अब, देखहि नहिं तिन पाई ‘सूर’ स्याम सुन्दर धन दरसे, तनु की ताप बुझाई