Aaj Sakhi Nandnandan Pragate

श्रीकृष्ण प्राकट्य आजु सखी, नँद-नंदन प्रगटे, गोकुल बजत बधाई री कृष्णपक्ष की अष्टमी भादौ, योग लग्न घड़ी आई री गृह-गृह ते सब बनिता आई, गावत गीत बधाई री जो जैसे तैसे उठि धाई, आनन्द उर न समाई री चौवा चन्दन और अरगजा, दधि की कीच मचाई री बन्दीजन सुर नर गुन गावें, शोभा बरनि न […]

Khambha Fadke Pragate Narhari

नरसिंह रूप खम्भ फाड़के प्रगटे नरहरि, अपनों भक्त उबार्यो दैत्यराज हिरणाकशिपु को, नखते उदर विदार्यो नरसिंहरूप धर्यो श्रीहरि ने, धरणी भार उतार्यो जय-जयकार भयो पृथ्वी पे, सुर नर सबहिं निहार्यो कमला निकट न आवे, ऐसो रूप कबहुँ नहीं धार्यो चूमत अरु चाटत प्रह्लाद को, तुरत ही क्रोध निवार्यो राजतिलक दे दियो प्रभु ने, हस्त कमल […]

Pragate Abhiram Shyam

श्री कृष्ण प्राकट्य प्रगटे अभिराम श्याम, रसिक ब्रज-बिहारी गोकुल को नंद-भवन, जन-मन सुखकारी आनँद अपार छयौ, दुःख-शोक भागि गयौ हरन विषम भूमि-भार, आये अवतारी सबके अति हिय हुलास, नंद-सुअन-दरस-आस दौरे तजि तजि निवास, आतुरता भारी पहुँचे सब नन्द-भवन, दरसन करि अति निहाल पायौ सब सुख अपार, गोकुल नर-नारी  

Pragate Shri Vaaman Avtar

वामन अवतार प्रगटे श्री वामन अवतार निरख अदिति मुख करत प्रशंसा, जगजीवन आधार तन श्याम पीत-पट राजत, शोभित है भुज चार कुण्डल मुकुट कंठ कौस्तुभ-मणि, अरु भृगुरेखा सार देखि वदन आनंदित सुर-मुनि, जय-जय निगम उचार ‘गोविंददास’ हरि वामन होके, ठाड़े बलि के द्वार