Mohi Taj Kahan Jat Ho Pyare

हृदयेश्वर श्याम मोहि तज कहाँ जात हो प्यारे हृदय-कुंज में आय के बैठो, जल तरंगवत होत न न्यारे तुम हो प्राण जीवन धन मेरे, तन-मन-धन सब तुम पर वारे छिपे कहाँ हो जा मनमोहन, श्रवण, नयन, मन संग तुम्हारे ‘सूर’ स्याम अब मिलेही बनेगी, तुम सरबस हो कान्ह हमारे

Vilag Na Mano Udho Pyare

साँवरिया श्याम विलग न मानों ऊधो प्यारे वह मथुरा काजर की कोठरि जे आवत ते कारे तुम कारे सुफलत सुत कारे, कारे मधुप भँवारे कमलनयन की कौन चलावै, साबहिनि ते अनियारे तातें स्याम भई कालिन्दी, ‘सूर’ स्याम गुन न्यारे

Ab Jago Mohan Pyare

प्रभाती अब जागो मोहन प्यारे मात जसोदा दूध भात लिये, बैठी प्रात पुकारे उठो मेरे मोहन आ मेरे श्याम, माखन मिसरी खारे वन विचरन को गौएँ ठाड़ीं, ग्वाल बाल मिल सारे तुम रे बिन एक पग नहिं चाले, राह कटत सब हारे ना तुम सोये ना मैं जगाऊँ, लोग भरम भये प्यारे दासी ‘मीराँ’ झुक […]

Pyare Mohan Bhatak Na Jau

श्याम से लगन प्यारे मोहन भटक न जाऊँ तुम ही हो सर्वस्व श्याम, मैं तुम में ही रम जाऊँ जब तक जिऊँ तुम्हारे ही हरि! अद्भुत गुण मैं गाऊँ गा-गा गुण गौरव तब मन में, सदा सदा सरसाऊँ भूल भरा हूँ नित्यनाथ! मैं तुमसे यही मनाऊँ सदा प्रेरणा करना ऐसी, तुम्हें न कभी भुलाऊँ तुम्हने […]

Mere Pyare Sanware

प्राणाधार मेरे प्यारे साँवरे! तुम कित रहे दुराय आवहु मेरे लाड़िले! प्रान रहे अकुलाय प्रिया प्रानधन लाड़िले, अटके तुम में प्रान आवन की आसा लगी, देत न इत उत जान ललित लड़ैती स्वामिनी! सुषमा की आगार तू ही पिय के प्रीति की, एकमात्र आधार आजा मेरे लाड़िले! नयननि रखिहों तोय ऐसी कर करुना कबहुँ, फेर […]

Brajraj Aaj Pyare Meri Gali Me Aana

श्याम का सौन्दर्य ब्रजराज आज प्यारे मेरी गली में आना तेरी छबि मनोहर मुझको झलक दिखाना सिर मोर मुकुट राजे, बनमाल उर बिराजे नूपुर चरण में बाजे, कर में कड़ा सुहाना कुंडल श्रवण में सोहे, बंसी अधर धरी हो तन पीत वसन शोभे, कटि मेखला सजाना विनती यही है प्यारे, सुन नंद के दुलारे ‘ब्रह्मानंद’ […]

Aab Jago Mohan Pyare

प्रभाती अब जागो मोहन प्यारे, तुम जागो नन्द दुलारे हुआ प्रभात कभी से लाला, धूप घरों पर छाई गोपीजन आतुरतापूर्वक, तुम्हें देखने आर्इं ग्वाल-बाल सब खड़े द्वार पर, कान्हा ली अँगड़ाई गोपीजन सब मुग्ध हो रहीं, निरखें लाल कन्हाई जसुमति मैया उठा लाल को, छाती से लिपटाये चन्द्रवदन को धुला तभी, माँ मक्खन उसे खिलाये 

Tum Bin Pyare Kahun Sukh Nahi

स्वार्थी संसार तुम बिन प्यारे कहुँ सुख नाहीं भटक्यो बहुत स्वाद-रस लम्पट, ठौर ठौर जग माहीं जित देखौं तित स्वारथ ही की निरस पुरानी बातें अतिहि मलिन व्यवहार देखिकै, घृणा आत है तातें जानत भले तुम्हारे बिनु सब, व्यर्थ ही बीतत सांसे ‘हरिचन्द्र’ नहीं टूटत है ये, कठिन मोह की फाँसे  

Sabse Prem Karo Man Pyare

शरणागति सबसे प्रेम करो मन प्यारे, कोई जाति या वंश द्वेष शत्रुता हो न किसी से, सब ही प्रभु के अंश प्राणों में प्रभु शक्ति न ऐसी,करूँ तुम्हारा ध्यान जड़ता भर दो इस जीवन में, बचे ने कुछ भी ज्ञान मुझसे बड़ा न पापी कोई, मैंने पाप छिपाये प्रायश्चित कर पाऊँ कैसे, समझ नहीं कुछ […]

Bhaj Le Pyare Hari Ka Nam

नाम स्मरण भजले प्यारे हरि का नाम, इसमें लगे न कुछ भी दाम कर न बुराई कभी किसी की, जप ले मन से हरि का नाम नयनों से दर्शन हो हरि का, सुनों कान से प्रभु का गान करो तीर्थ सेवन पैरों से, करो हाथ से समुचित दान मन बुद्धि श्रद्धा से प्यारे, होय नित्य […]