Nishchint Huve Baithe Na Raho

प्रबोधन निश्चिंत हुए बैठे न रहो शाश्वत जीवन यहाँ किसका है, पैदा होए वे मरते भी दिन कभी एक से नहीं रहे, इसका विचार तुम करो अभी जब जन्म दिवस आता है तो, खुशियाँ सब लोग मनाते हैं कम वर्ष हो गये जीवन के, समझे जो नहीं पछताते हैं 

Purushartha Karo Baithe Na Raho

पुरुषार्थ पुरुषार्थ करो, बैठे न रहो जो सोच-विचार करे उद्यम, ईश्वर का नाम हृदय आये भाग्योदय हो ऐसे जन का, सार्थक जीवन तब हो जाये उत्साहित हो जो कार्य करे, जीविकोपार्जन कर पाये ऐसे ही ठाला बैठ रहे, वह तो आखिर में पछताये वरदान प्रभु का मनुज देह, जो सदुपयोग नहीं कर पाये वह रहे […]

Shri Krishna Kahte Raho

श्रीकृष्ण-भक्ति श्री कृष्ण कहते रहो, अमृत-मूर्ति अनूप श्रुति शास्त्र का मधुर फल, रसमय भक्ति स्वरूप कर चिन्तन श्रीकृष्ण का, लीलादिक का ध्यान अमृत ही अमृत झरे, करुणा प्रेम-निधान कण-कण में जहाँ व्याप्त है, श्यामा श्याम स्वरूप उस वृन्दावन धाम की, शोभा अमित अनूप जप-तप-संयम, दान, व्रत, साधन विविध प्रकार मुरलीधर से प्रेम ही, निगमाम का […]