Mero Man Ram Hi Ram Rate Re

नाम की महिमा मेरो मन रामहि राम रटै रे राम नाम जप लीजै प्राणी, कोटिक पाप कटे रे जनम जनम के लेख पुराने, नामहि लेत फटे रे कनक कटोरे अमृत भरियो, पीवत कौन नटे रे ‘मीराँ’ कहे प्रभु हरि अविनासी, तन-मन ताहि पटे रे