Mohi Taj Kahan Jat Ho Pyare

हृदयेश्वर श्याम मोहि तज कहाँ जात हो प्यारे हृदय-कुंज में आय के बैठो, जल तरंगवत होत न न्यारे तुम हो प्राण जीवन धन मेरे, तन-मन-धन सब तुम पर वारे छिपे कहाँ हो जा मनमोहन, श्रवण, नयन, मन संग तुम्हारे ‘सूर’ स्याम अब मिलेही बनेगी, तुम सरबस हो कान्ह हमारे

Sabhi Taj Bhajiye Nand Kumar

श्री कृष्ण स्मरण सभी तज भजिये नंदकुमार और भजें ते काम सरे नहिं, मिटे न भव जंजार यह जिय जानि, इहीं छिन भजि, दिन बीते जात असार ‘सूरदास’ औसर मत चूकै, पाये न बारम्बार