Jo Ham Bhale Bure To Tere

शरणागति जो हम भले-बुरे तो तेरे तुमहिं हमारी लाज बड़ाई, विनती सुनु प्रभु मेरे सब तजि तव सरनागत आयो, निज कर चरन गहे रे तव प्रताप बल बदत न काहू, निडर भये घर चेरे और देव सब रंक भिखारी, त्यागे बहुत अनेरे ‘सूरदास’ प्रभु तुम्हरि कृपा ते, पाये सुख जु घनेरे

Hari Binu Meet Nahi Kou Tere

प्रबोधन हरि बिनु मीत नहीं कोउ तेरे सुनि मन, कहौं पुकारी तोसौं, भजो गोपालहिं मेरे यह संसार विषय-विष सागर, रहत सदा सब घेरे ‘सूर’ श्याम बिन अंतकाल में, कोई न आवत नेरे

Kishori Tere Charanan Ki Raj Pau

श्री श्री राधा महात्म्य किशोरी तेरे चरणन की रज पाऊँ बैठि रहौं कुंजन की कोने, श्याम राधिका गाऊँ जो रज शिव सनकादिक लोचन, सो रज शीश चढाऊँ राधा स्वामिनि की छवि निरखूँ, नित्य विमल यश गाऊँ अद्वितीय सौन्दर्य तुम्हारा, मन-मंदिर बिठलाऊँ