Uth Jaag Musafir Bhor Bhai

चेतावनी उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है जो सोवत है सो खोवत है, जो जागत है सो पावत है अब नींद से अँखियाँ खोल जरा, ओ बेसुध प्रभु से ध्यान लगा यह प्रीति करन की रीति नहीं, सब जागत है तू सोवत है नादान, भुगत करनी अपनी, ओ पापी पाप […]