Jo Kamal Nayan Prasanna Vadan

श्रीराम स्तुति जो कमल-नयन प्रसन्न वदन, पीताम्बर लंकृत श्रीराम प्रभु असुर-निकंदन, हितकारी गो-द्विज के, राघव को प्रणाम जिनकी माया के वशीभूत, यह जगत् सत्य लगता हमको नौका हैं चरण कमल जिनके, भवसागर से तर जाने को है अविनाशी घटघट वासी, इन्द्रियातीत सच्चिदानन्द हे भव-भय-भंजन, मुनि-जन रंजन, लक्ष्मीपति करुणानिधि मुकुन्द शारदा, शेष, सुर, ऋषिमुनि भी, यशगान […]