रास लीला
आजु जुगल वर रास रचायो, कालिन्दी के कूल री सजनी
ब्रह्मा, शिव की मति बौराई, मनसिज के मन सूल री सजनी
बिच बिच गोपी श्याम सुशोभित, जनु मुक्ता-मणि माल री सजनी
बाजहिं बहु-विधि वाद्य अनूपम, राग रंग ध्वनि मीठी री सजनी
भाव भंगि करि नाचहिं गावहिं, उर उमँग्यौ अनुराग री सजनी
कटि किंकिनि की रुन-झुन धुनि सुनि, मुनि मन मोहिं रसाल री सजनी
चढ़िनभ-यान लखहिं सुर, सुर-तिय, बरसहिं सुमन-माल री सजनी

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