परब्रह्म श्री कृष्ण
और अंश अवतार कृष्ण भगवान स्वयम् हैं
वे मानुस बनि गये, यशोदा नन्द-नँदन हैं
सकल भुवन के ईश एक, आश्रय वनवारी
मोर मुकुट सिर धारि अधर, मुरली अति प्यारी
रस सरबस श्रृंगार के, साक्षात् श्रृंगार हैं
जो विभु हैं, आनन्दघन, उन प्रभु की हम शरन हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *