शरणागति
भरोसो दृढ़ इन चरणन केरो
श्री वल्लभ नख-चन्द्र छटा बिनु, सब जग माँझ अँधेरो
साधन और नहीं या कलि में, जासो होत निबेरो
‘सूर’ कहा कहैद्विविध आँधरो, बिना मोल को चेरो

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