नाम स्मरण
क्यौं तू गोविंद नाम बिसारौ
अजहूँ चेति, भजन करि हरि कौ, काल फिरत सिर ऊपर भारौ
धन-सुत दारा काम न आवै, जिनहिं लागि आपुनपौ हारौ
‘सूरदास’ भगवंत-भजन बिनु, चल्यो पछिताइ नयन जल ढारौ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *