भक्ति रस
मत बाँधो गठरिया, अपजस की
यो संसार मेघ की छाया, करो कमाई हरि-रस की
जोर जवानी ढलक जायगी, बाल अवस्था दस दिन की
धर्मदूत जब फाँसी दारे, खबर लेत तेरी नस नस की
कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, बात नहीं तेरे बस की
भक्ति रस
मत बाँधो गठरिया, अपजस की
यो संसार मेघ की छाया, करो कमाई हरि-रस की
जोर जवानी ढलक जायगी, बाल अवस्था दस दिन की
धर्मदूत जब फाँसी दारे, खबर लेत तेरी नस नस की
कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, बात नहीं तेरे बस की