मेघ श्याम
मतवारो बादल आयो रे, हरि को संदेस न लायो रे
दादुर मोर पपीहा बोले, कोयल सबद सुणायो रे
कारो अँधेरो बिजुरी चमके, बिरहन अति डरपायो रे
गाजे बाजे पवन मधुरिया, मेघा झड़ी लगायो रे
दासी थारी बिरह की जारी, ‘मीराँ’ मन हरि भायो रे
मेघ श्याम
मतवारो बादल आयो रे, हरि को संदेस न लायो रे
दादुर मोर पपीहा बोले, कोयल सबद सुणायो रे
कारो अँधेरो बिजुरी चमके, बिरहन अति डरपायो रे
गाजे बाजे पवन मधुरिया, मेघा झड़ी लगायो रे
दासी थारी बिरह की जारी, ‘मीराँ’ मन हरि भायो रे