Mhare Ghar Aao Pritam Pyara

आओ प्रीतम
म्हारे घर आओ प्रीतम प्यारा, जग तुम बिन लागे खारा
तन-मन धन सब भेंट धरूँगी, भजन करूँगी तुम्हारा
तुम गुणवंत सुसाहिब कहिये, मोमें औगुण सारा
मैं निगुणी कछु गुण नहिं जानूँ, ये सब बगसण हारा
‘मीराँ’ कहे प्रभु कब रे मिलोगे, तुम बिन नैण दुखारा

One thought on “Mhare Ghar Aao Pritam Pyara”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *