Mukhada Ni Maya Lagi Re

मोहन का सौंदर्य (गुजराती)
मुखड़ानी माया लागी रे, मोहन प्यारा
मुखड़ूँ मैं जोयुँ तारूँ, सब जग थयुँ खारूँ, मन मारूँ रह्युँ न्यारूँ रे
संसारी, नुँ सुख एवुँ, झाँझवाना नीर जेवुँ, तेने तुच्छ करी फरिये रे
‘मीराँबाई’ बलिहारी, आशा मने एक तारी, हवे हुँ तो बड़भागी रे

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