बालकृष्ण
नाचत नंदलाल, मधुर बाजत पैजनियाँ
निरखि निरखि हुलसहि हिय, मोहित नँदरनियाँ
मणिमय आँगन अनूप, निरखत निज छाँह रूप
हँसि हँसि निरखत स्वरूप, करि करि किलकरियाँ
निरखि सो अनूप रंग, मो मन अतिसय उमंग
पुलकित सब अंग अंग, पग पग रुनझुनियाँ

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