होली
नयन में डारो मती गुलाल, तिहारे पाँय परत नन्दलाल
अंतर होत पिया दरसन में, बिन दरसन बेहाल
कनक बेलि वृषभानु-नन्दिनी, प्रीतम स्याम तमाल
ऋतु बसंत वृंदावन फूल्यो, नाचत गोपी ग्वाल
वेणु बजावे मधुरे गावे, नाना विधि दे ताल
‘रामदास’ प्रभु गिरिधर नागर, पिक रंग सोहे गाल 

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