Prabhu Ji Main To Tharo Hi Tharo

समर्पण (राजस्थानी)
प्रभुजी मैं तो थारो ही थारो
भलो बुरो जैसो भी हूँ मैं, पर हूँ तो बस थारो
बिगड्यो भी तो थारो बिगड्यो, थे ही म्हने सुधारो
म्हारी बात जाय तो जाये, नाम बिगड़ सी थारो
चाहे कहे म्हने तो बिगडी, विरद न रहसी थारो
जँचे जिस तरे करो नाथ, थे मारो चाहे तारो  

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