श्री कृष्ण स्मरण
सभी तज भजिये नंदकुमार
और भजें ते काम सरे नहिं, मिटे न भव जंजार
यह जिय जानि, इहीं छिन भजि, दिन बीते जात असार
‘सूरदास’ औसर मत चूकै, पाये न बारम्बार

2 Responses

    1. सब कुछ छोड़ कर सिर्फ कृष्ण को भजे
      किसी और को भजने से काम बनने वाला नहीं और भाव सागर के जंजाल से नहीं छुट पाएंगे
      जो जीव ये जानता हैं वो दिन और रात इन्हे ही भजता हैं
      उसे ये पता हैं ये मौका और ये जन्म बार बार नहीं मिलने वाला 🙏🏻

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