देवी स्तवन
ज्ञान मोहिं दीजै महारानी
मैं धरूँ तिहारो ध्यान, भक्ति मोहिं दीजै महारानी
मैं करूँ सदा गुणगान, ज्ञान मोहि दीजै महारानी
ब्रह्मा-शिव-हरि तुमको ध्यावे, हे अभीष्ट दानी
ऋषि-मुनि जन सब करे वन्दना, हे माँ कल्याणी
जय दुर्गे दुर्गति, दुःख नाशिनि अमित प्रभा वाली
देवि सरस्वति लक्ष्मी रूपिणि, ललिता, महाकाली
कर्णफूल, केयूर अरु कंगन, रत्न माल सोहे
जगमग किरीट, शीश पर बिन्दी, अर्ध-चन्द्र मोहे
विद्याधरियाँ, सकल सिद्धियाँ, सेवत दिन-राती
खड्ग, चक्र, अंकुश कर धारे, महिषासुर घाती
हे गजवदन षडानन माता, शिवशंकर प्यारी
त्रिपुर-सुन्दरी, शुद्ध स्वरूपा, प्रतिपालन हारी
दुष्ट, कुटिल, पापी होकर भी, मैं संतति तेरी
हे जगदम्बे कष्ट निवारो, हे मैया मेरी

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