Shyam Ne Kaha Thagori Dari

श्याम की ठगौरी स्याम ने कहा ठगोरी डारी बिसरे धरम-करम, कुल-परिजन, लोक साज गई सारी गई हुती मैं जमुना तट पर, जल भरिबे लै मटकी देखत स्याम कमल-दल-लोचन, दृष्टि तुरत ही अटकी मो तन मुरि मुसुकाए मनसिज, मोहन नंद-किसोर तेहि छिन चोरि लियौ मन सरबस, परम चतुर चित-चोर  

Brajraj Aaj Pyare Meri Gali Me Aana

श्याम का सौन्दर्य ब्रजराज आज प्यारे मेरी गली में आना तेरी छबि मनोहर मुझको झलक दिखाना सिर मोर मुकुट राजे, बनमाल उर बिराजे नूपुर चरण में बाजे, कर में कड़ा सुहाना कुंडल श्रवण में सोहे, बंसी अधर धरी हो तन पीत वसन शोभे, कटि मेखला सजाना विनती यही है प्यारे, सुन नंद के दुलारे ‘ब्रह्मानंद’ […]

Aaj Sakhi Shyam Sundar

मुरली का जादू आज सखी श्याम सुंदर बाँसुरी बजाये मोर-मुकुट तिलक भाल, पग में नूपुर सुहाये बिम्बाधर मुरलीधर, मधुर धुन सुनाये यमुना को रुकत नीर, पक्षीगण मौन भये धेनू मुख घास डार, धुनि में मन लाये त्रिभुवन में गूँज उठी, मुरली की मधुर तान समाधि भी गई टूट, योगी मन भाये बंशी-स्वर सुन अपार, भूले […]

Man Le Manwa Murakh Tu

सीख मान ले मनवा मूरख तू, अब तो भज नाम निंरजन का माँ-उदर में जिसने पेट भरा, अब पेट के काज तू क्यों भटके दुनियाँ का पोषण जो करता, वह पालनहार तेरे तन का ये मात-पिता, भाई-बंधु, बेटा अरु, माल मकान सभी कोई वस्तु नहीं स्थिर है यहाँ, करले तू काम भलाई का ये काल […]

Udho Vo Sanwari Chavi Ne

विरथ व्यथा उधो वो साँवरी छवि ने, हमारा दिल चुराया है बजाकर बाँसुरी मीठी, सुनाकर गीत गोविन्द ने रचाकर रास कुंजन में, प्रेम हमको लगाया है छोड़ कर के हमें रोती, बसे वो मधुपुरी जाकर खबर भी ली नहीं फिर के, हमें दिल से भुलाया है हमारा हाल जाकर के, सुनाना श्यामसुन्दर को वो ‘ब्रह्मानन्द’ […]

Laga Le Prem Prabhu Se Tu

शरणागति लगाले प्रेम प्रभु से तू, अगर जो मोक्ष चाहता है रचा उसने जगत् सारा, पालता वो ही सबको है वही मालिक है दुनियाँ का, पिता माता विधाता है नहीं पाताल के अंदर, नहीं आकाश के ऊपर सदा वो पास है तेरे, ढूँढने क्यों तू जाता है पड़े जो शरण में उसकी, छोड़ दुनियाँ के […]

Jagat Main Jivan Do Din Ka

नश्वर संसार जगत् में जीवन दो दिन का पाप कपट कर माया जोड़ी, गर्व करे धन का सभी छोड़कर चला मुसाफिर, वास हुआ वन का सुन्दर काया देख लुभाया, लाड़ करे इसका श्वास बन्द हो बिखरे देही, ज्यों माला मनका यह संसार स्वप्न की माया, मिलना कुछ दिन का ‘ब्रह्मानंद’ भजन कर ले तूँ, जपो […]

Vrindavan Kunj Bhawan

नाचत गिरधारी वृंदावन कुंज भवन, नाचत गिरिधारी धर-धर धर मुरलि अधर, भर-भर स्वर मधुर अधर कर-कर नटवर स्वरूप, सुंदर सुखकारी घन-घन घन बजत ताल, ठुम-ठुम ठुम चलत चाल चरणन छन छन छन छन, नूपुर धुन प्यारी घिर, घिर, घिर करत गान, फिर फिर फिर देत तान मिल, मिल, मिल रचत रास, संग गोप नारी चम, […]

Jagat Main Jivan Hai Din Char

सदुपदेश जगत में जीवन है दिन चार खरी कमाई से ही भोगो, किंचित सुख संसार मात-पिता गुरुजन की सेवा, कीजै पर उपकार पशु पक्षी जड़ सब के भीतर, ईश्वर अंश निहार द्वेष भाव मन से बिसराओ, करो प्रेम व्यवहार ‘ब्रह्मानंद’ तोड़ भव-बंधन, यह संसार असार

Shankar Teri Jata Main Shamil Hai Gang Dhara

शिवशंकर शंकर तेरी जटा में शोभित है गंग-धारा काली घटा के अंदर, चपला का ज्यों उजारा गल मुण्डमाल राजे, शशि शीश पर बिराजे डमरू निनाद बाजे, कर में त्रिशूल साजे मृग चर्म वसन धारी, नंदी पे हो सवारी भक्तों के दुःख हारी, गिरिजा के सँग विहारी शिव नाम जो उचारे, सब पाप दोष जारे भव-सिंधु […]