Pashu Hinsa Ka Ho Gaya Ant

भगवान बुद्ध पशु-हिंसा का हो गया अन्त, भगवान बुद्ध अवतरित हुए लख यज्ञ कर्म में पशु-वध को, अन्याय घोर प्रभु द्रवित हुए वे कृपा सिन्धु करुणानिधि थे, वैराग्यवान् जो बुद्ध हुए राजा शुद्धोधन की रानी, मायादेवी से जन्म लिया सोचा पशु का वध क्रूर कर्म, जड़ता को तत्पर दूर किया पशु-हिंसा द्वारा यज्ञों से, हो […]

Purte Nikasi Raghuvir Vadhu

वन में सीता राम पुरतें निकसी रघुवीर वधू धरि धीर दए मग में डग द्वै झलकीं भरि भाल कनीं जल कीं, पुट सूखि गए मधुराधर वै फिरि बूझति है, चलनो अब केतिक पर्ण कुटी करिहौ कित ह्वै तिय की लखि आतुरता पिय की अखियाँ अति चारु चलीं जल च्वै

Gangajal Pap Baha Deta

गंगा माहात्म्य गंगा जल पाप बहा देता उसका जो सेवन नित्य करे, वह मन शांति को पा लेता गंगाजी का तो दर्शन भी, मन को निश्चित निर्मल करता जलरूप यही तो वासुदेव, सच्चा सुख जिनसे मिल जाता जिसके मन में यह भाव जगे, संभव नित गंगा-स्नान करे गंगा का सेवन सुमिरन हो, पातक उसके नितांत […]

Prabhu Ko Prasanna Ham Kar Paye

श्रीमद्भागवत प्रभु को प्रसन्न हम कर पाये चैतन्य महाप्रभु की वाणी, श्री कृष्ण भक्ति मिल जाये कोई प्रेम भक्ति के बिना उन्हें, जो अन्य मार्ग को अपनाये सखि या गोपी भाव रहे, संभव है दर्शन मिल जाये हम दीन निराश्रय बन करके, प्रभु प्रेमी-जन का संग करें भगवद्भक्तों की पद-रज को, अपने माथे पर स्वतः […]

Suni Sundar Ben Sudharas Sane

सुभाषित सुनि सुन्दर बैन सुधारस-साने, सयानी है जानकी जानी भली तिरछे करि नैन दै सैन तिन्हैं, समुझाई कछु मुसुकाई चली ‘तुलसी’ तेहि अवसर सोहैं सबै, अवलोकति लोचन-लाहु अली अनुराग-तड़ाग में भानु उदै, बिगसी मनी मंजुल कंज-कली

Gayon Ke Hit Ka Rahe Dhyan

गो माता गायों के हित का रहे ध्यान गो-मांस करे जो भी सेवन, निर्लज्ज व्यक्ति पापों की खान गौ माँ की सेवा पुण्य बड़ा, भवनिधि से करदे हमें पार वेदों ने जिनका किया गान, शास्त्र पुराण कहे बार-बार गौ-माता माँ के ही सदृश, वे दु:खी पर हम चुप रहते माँ की सेवा हो तन मन […]

Prabhu Ke Adbhut Karma Kiya

पृथ्वी का उद्धार प्रभु ने अद्भुत कर्म किया करुणा-निधि श्री हरि तुमने, जो शूकर रूप लिया ऊँच नीच का भेद जीव में, यह भम्र दूर किया यज्ञ रूप हो तुम्हीं शास्त्र में, यह स्पष्ट किया पृथ्वी जल से बाहर लाये, जनहित कार्य किया  

Ve Hain Rohini Sut Ram

श्री बलरामजी वे हैं रोहिनी सुत राम गौर अंग सुरंग लोचन, प्रलय जिन के ताम एक कुंडल स्रवन धारी, द्यौत दरसी ग्राम नील अंबर अंग धारी, स्याम पूरन काम ताल बल इन बच्छ मार्यौ, ब्रह्म पूरन काम ‘सूर’ प्रभु आकरषि, तातैं संकरषन है नाम

Gou Mata Bhi Dudh Pilati

गौ माता गो माता भी दूध पिलाती, जैसे अपनी माता दधि मक्खन अरु घृत भी पाते, कौन भूल यह पाता कृषि कार्य के हेतु हमें यह, नित्य खाद भी देती उपकारों को भूल रहे हम, पोषण गैया करती भारत में गोपाल-कृष्ण ने, पूजा तुमको माता इसी देश में तेरा माता, आज न कोई त्राता कत्ल […]

Bangala Bhala Bana Maharaj

नश्वर देह बंगला भला बना महाराज, जिसमें नारायण बोले पाँच तत्व की र्इंट बनाई, तीन गुणों का गारा छत्तीसों की छत बनाई, चेतन चिनने हारा इस बँगले के दस दरवाजे, बीच पवन का थम्भा आवत जावत कछू ना दीखे, ये ही बड़ा अचम्भा इस बँगले में चौपड़ माँडी, खेले पाँच पचीसा कोर्ई तो बाजी हार […]