Man Mohak Sab Saj Sajyo Ri

पुष्प सज्जा मन मोहक सब साज सज्यो री फूलमयी यह जुगल जोति लखि, सखियन को मन फूल रह्यो री फूलन के ही मुकुट चन्द्रिका, फूलन ही को पाग फल्यौ री फूलन के ही गजरा कुण्डल, फूलन को ही हार सज्यौ री फूलन के ही कंकण कचुँकि, फूलन को भुजबन्ध बन्धौ री फूलन के ही नूपुर […]

Bhaj Man Shri Radhe Gopal

श्रीराधाकृष्ण स्तुति भज मन श्री राधे गोपाल स्निग्ध कपोल, अधर-बिंबाफल लोचन परम विशाल शुक-नासा, भौं दूज-चन्द्र-सम, अति सुंदर है भाल मुकुट चंद्रिका शीश लसत है, घूँघर वाले बाल रत्न जटित, कुंडल, कर-कंगन, गल मोतियन की माल पग नूपुर-मणि-खचित बजत जब, चलत हंस गति चाल गौर श्याम तनु वसन अमोलक, चंचल नयन विशाल मृदु मुसकान मनोहर […]

Hindole Jhulahi Naval Kishor

झूलना हिंडोले झूलहिं नवल-किसोर कहा कहों यह सुषमा सजनी! वारिय काम करोर वरन-वरन के वसन सखिन के, पवन चलत झकझोर सावन के मनभावन बादर, गड़गड़ाहिं घनघोर गावहिं सावन गीत मनोहर, भये जुगल रस भोर या रस के वश भये चराचर, जाको ओर न छोर

Bhajo Re Man Shri Radha Govind

नाम स्मरण भजो रे मन श्री राधा गोविंद जन-मन को निज-धन-मनमोहन, पूरन परमानंद जीवन के जीवन वे तेरे, तू चकोर वे चन्द कैसे तिनहिं बिसारि भयो तूँ, मोह मुग्ध मतिमन्द चेत-चेत रे अब तो मूरख, छोड़ सबहिं छल-छन्द सब तज भज मोहन को प्यारे, यहीं पंथ निर्द्वंद 

Khelat Hari Nikase Braj Khori

राधा कृष्ण भेंट खेलत हरि निकसे ब्रज खोरी गए स्याम रवि – तनया के तट, अंग लसति चंदन की खोरी औचक ही देखि तहँ राधा, नैन बिसाल , भाल दिए रोरी ‘सूर’ स्याम देखत ही रीझे, नैन नैन मिलि परी ठगोरी

Jugal Chavi Harati Hiye Ki Pir

युगल छवि जुगल छवि हरति हिये की पीर कीर्ति-कुँअरि ब्रजराम-कुँअर बर ठाढ़े जमुना-तीर कल्पवृच्छ की छाँह सुशीतल, मंद-सुगंध समीर मुरली अधर, कमल कर कोमल, पीत-नील-द्युति चीर मुक्ता-मनिमाला, पन्ना गल, सुमन मनोहर हार भूषन विविध रत्न राजत तन, बेंदी-तिलक उदार श्रवननि सुचि कुण्डल झुर झूमक, झलकत ज्योति अपार मुसुकनि मधुर अमिय दृग-चितवनि, बरसत सुधा सिंगार

Man Main Yah Rup Niwas Kare

युगल स्वरूप मन में यह रूप निवास करे दो गात धरे वह एक तत्व, अनुपम शोभा जो चित्त हरे वृषभानु-सुता देवकी-नन्दन के अंगों का बेजोड़ लास्य मधुरातिमधुर जिनका स्वरूप, अधरों पर उनके मंद हास्य गल स्वर्णहार, बैजंति-माल, आल्हादिनि राधा मनमोहन वृन्दावन में विचरण करते, वे वरदाता अतिशय सोहन निमग्न रास क्रीड़ा में जो, रति कामदेव […]

Khelan Ke Mis Kuwari Radhika

राधा कृष्ण लीला खेलन के मिस कुँवरि राधिका, नंदमहर के आई सकुच सहित मधुरे करि बोली, घर हैं कुँवर कन्हाई ? सुनत श्याम कोकिल सम बानी, निकसे अति अतुराई माता सों कछु करत कलह हरि, सो डारी बिसराई मैया री, तू इन को चीन्हति, बारम्बार बताई जमुना-तीर काल्हि मैं भूल्यो, बाँह पकरि लै आई आवत […]

Vando Shri Radha Charan

युगल स्वरूप झाँकी वन्दौं श्री राधाचरन, पावन परम उदार भय विषाद अज्ञानहर, प्रेम भक्ति दातार रास-बिहारिनि राधिका, रासेश्वर नँद-लाल ठाढ़े सुंदरतम परम, मंडल रास रसाल मधुर अधर मुरली धरे, ठाढ़े स्याम त्रिभंग राधा उर उमग्यौ सु-रस रोमांचित अँग-अंग विश्वविमोहिनी श्याम की, मनमोहिनि रसधाम श्याम चित्त उन्मादिनी, राधा नित्य ललाम परम प्रेम-आनंदमय, दिव्य जुगल रस-रूप कालिंदी-तट […]

Muskan Madhur Mohini Chitwan

श्री राधा कृष्ण स्तवन मुस्कान मधुर, मोहिनी चितवन, राधा गोविंद का हो चिन्तन वृषभानु-कुमारी, नँद-नन्दन, मैं चरण वन्दना करता हूँ मुख नयन कमल से खिले हुए, सिर स्वर्ण चन्द्रिका मोर मुकुट केशर-कस्तूरी तिलक भाल, मैं ध्यान उन्हीं का करता हूँ श्री अंगों की शोभा अनूप, नीलाम्बर पीताम्बर पहने फूलों के गजरे रत्न हार, वह रूप […]