सरस्वती वंदना
ज्ञान की ज्योति हमें दो भारती, सरस्वती माँ की उतारें आरती
वाणी में तो हमको सुधा की धार दो, प्रेममय जीवन बने वह प्यार दो
ज्ञान का दीपक जला दो भारती, वीणावादिनी की उतारें आरती
अधरों पे बस माँ तुम्हारा नाम हो, माँ की पूजा ही हमारा काम हो
प्यार ममता का हमें वरदान दो, प्रेम प्राणिमात्र से सद्भाव दो
संगीत, विद्या कला का हमें माँ दान दो, प्रेम दो, माँ भक्ति दो और मान दो
Category: Sarastwati
Var De Veena Vadini Var De
सरस्वती स्तुति
वर दे वीणावादिनि! वर दे!
प्रिय स्वतंत्र रव अमृत मंत्र, नव भारत में भर दे
काट अंध उर के बंधन-स्तर, बहा जननि, ज्योर्तिमय निर्झर
कलुष-भेद-तम हर, प्रकाश भर, जगमग जग कर दे
नव गति, नव लय, ताल-छंद, नव, नवल कंठ, नव जलद मंद्र रव
नव नभ के नव विहग वृन्द को नव पर, नव स्वर दे वर दे
Aarti Saraswati Ki Kariye
सरस्वती आरती
आरति सरस्वती की करिये, दिव्य स्वरूप सदा मन भाये
हरि, हर, ब्रह्मा तुमको ध्यायें, महिमा अमित देव ॠषि गायें
श्वेत पद्म अगणित राका सी, अंग कांति मुनिजन को मोहे
हंस वाहिनी ब्रह्म स्वरूपा, वीणा, पुस्तक कर में सोहे
श्रेष्ठ-रत्न-आभूषण धारी, स्मृति बुद्धि शक्ति स्वरूपा
शेष, व्यास, ऋषि वाल्मीकि पूजित, पतित पावनी सरिता रूपा
सनातनी, वाणी, ब्रह्माणी, जय जय बारम्बार तुम्हारी
सुरेश्वरी हे ज्ञानस्वरूपा, मैया! जड़ता हरो हमारी