Josida Ne Laakh Badhai
श्याम घर आये जोसीड़ा ने लाख बधाई, अब घर आये स्याम आज अधिक आनंद भयो है, जीव लहे सुखधाम पाँच सखी मिलि पीव परसि कै, आनँद आठूँ ठाम बिसरि गयो दुख निरखि पिया कूँ, सफल मनोरथ काम ‘मीराँ’ के सुखसागर स्वामी, भवन गवन कियो राम
Payo Ji Mhe To Ram Ratan Dhan Payo
हरि भक्ति पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो वास्तु अमोलक दी म्हाने सतगुरु, किरपा कर अपनायो जनम-जनम की पूँजी पाई, जग में सभी खोवायो खरच न हौवे, चोर न लेवै, दिन दिन बढ़त सवायो सत की नाव केवटिया सतगुरु, भव-सागर तर आयो ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरख हरख जस गायो
Mai Ri Main To Liyo Govind Mol
अनमोल गोविंद माई री मैं तो लियो री गोविन्दो मोल कोई कहै छाने, कोई कहै चोरी, लियो री बजंताँ ढोल कोई कहै कारो, कोई कहै गोरो, लियो री अखियाँ खोल कोई कहै महँगो कोई कहै सस्तो, लियो री अमोलक मोल तन का गहणाँ सब ही दीना, दियो री बाजूबँद खोल ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, […]
Mhari Sudh Kripa Kar Lijo
शरणागति म्हारी सुध किरपा कर लीजो पल पल ऊभी पंथ निहारूँ, दरसण म्हाने दीजो मैं तो हूँ बहु ओगुणवाली, औगुण सब हर लीजो मैं दासी थारे चरण-कँवल की, मिल बिछड़न मत कीजो ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरि चरणाँ में लीजो
Swami Sab Sansar Ka Ji Sancha Shri Bhagwan
संसार के स्वामी स्वामी सब संसार का जी, साँचा श्री भगवान दान में महिमा थाँरी देखी, हुई हरि मैं हैरान दो मुठ्ठी चावल की फाँकी, दे दिया विभव महान भारत में अर्जुन के आगे, आप हुया रथवान ना कोई मारे, ना कोई मरतो, यो कोरो अज्ञान चेतन जीव तो अजर अमर है, गीताजी को ज्ञान […]
Jiv Bas Ram Nam Japna
हरिनाम स्मरण जीव बस राम नाम जपना, जरा भी मत करना फिकरी भाग लिखी सो हुई रहेगी, भली बुरी सगरी ताप करके हिरणाकुश राजा, वर पायो जबरी लौह लकड़ से मार्यो नाहीं, मर्यौ मौत नख री तीन लोक ककी माता सीता, रावण जाय हरी जब लक्षमण ने करी चढ़ाई, लंका गई बिखरी आठों पहर राम […]
Moko Kahan Dhundhe Re Bande
आत्मज्ञान मोको कहाँ ढूँढे रे बन्दे, मैं तो तेरे पास में ना मंदिर में ना मस्जिद में, ना पर्वत के वास में ना जप ताप में, ना ही योग में, ना मैं व्रत उपवास में कर्म काण्ड में मैं नहीं रहता, ना ही मैं सन्यास में खोज होय साँची मिल जाऊँ, इक पल की ही […]
Durga Devi Daya Karahu
श्री दुर्गा स्तुति दुर्गा देवी दया करहु, दुख दुरित नसाओ शक्ति हीन संतान परी माँ! आय जगाओ भये भवानी भीत, आय भय भूत भगाओ खड्ग हाथ महँ देहु, युद्ध को पाठ पढ़ाओ कलि कराल कलुषित करहिँ, करि कल्यान कपर्दिनी मेटो ममता मोह कूँ, महिषासुर मद मर्दिनी
Nachat Nandlal Madhur Bajat Paijaniya
बालकृष्ण नाचत नंदलाल, मधुर बाजत पैजनियाँ निरखि निरखि हुलसहि हिय, मोहित नँदरनियाँ मणिमय आँगन अनूप, निरखत निज छाँह रूप हँसि हँसि निरखत स्वरूप, करि करि किलकरियाँ निरखि सो अनूप रंग, मो मन अतिसय उमंग पुलकित सब अंग अंग, पग पग रुनझुनियाँ
Sakhi Lala Ke Mukh Pe Makkhan
माखन चोरी सखि लाला के मुँह पे मक्खन, मैंने जब लगा हुआ पाया भोलेपन से कुछ उत्तर दे, चित चुरा कन्हैया भाग गया जिनके घर अब तक नहीं पहुँचा, लाला मक्खन चोरी करने अति उत्कण्ठित वे गोपीजन, आ जाये वहीं उपकृत करने वास्तव में हर ग्वालिन का मन, अटका रहता है मोहन में वे उपालम्भ […]