Aarti Shri Vrashbhanu Lali Ki

राधारानी आरती आरती श्रीवृषभानुलली की, सत्-चित-आनंद-कद-कली की भयभंजनि भव-सागर-तारिणि, पाप-ताप-कलि-कल्मष-हारिणि, दिव्यधाम गोलोक-विहारिणि, जन पालिनि जग जननि भली की अखिल विश्व आनन्द विधायिनि, मंगलमयी वैभव सुख-दायिनि, नंद नँदन पद-प्रेम प्रदायिनि, अमिय-राग-रस रंग-रली की नित्यानन्दमयी आल्हादिनि लीलाएँ-आनंद-प्रदायिनि, रसमयी प्रीतिपूर्ण आल्हादिनी, सरस कमलिनि कृष्ण-अली की नित्य निकुंजेश्वरि श्री राजेश्वरि, परम प्रेमरूपा परमेश्वरि, गोपिगणाश्रयि गोपिजनेश्वरि, विमल विचित्र भाव-अवली की

Aarti Saraswati Ki Kariye

सरस्वती आरती आरति सरस्वती की करिये, दिव्य स्वरूप सदा मन भाये हरि, हर, ब्रह्मा तुमको ध्यायें, महिमा अमित देव ॠषि गायें श्वेत पद्म अगणित राका सी, अंग कांति मुनिजन को मोहे हंस वाहिनी ब्रह्म स्वरूपा, वीणा, पुस्तक कर में सोहे श्रेष्ठ-रत्न-आभूषण धारी, स्मृति बुद्धि शक्ति स्वरूपा शेष, व्यास, ऋषि वाल्मीकि पूजित, पतित पावनी सरिता रूपा […]

Aarti Kije Hanuman Lala Ki

हनुमान आरती आरती कीजै हनुमानलला की, दुष्टदलन रघुनाथ कला की जाके बल से गिरिवर काँपे, रोग दोष जाके निकट न आवे अंजनिपुत्र महा-बल दाई, संतन के प्रभु सदा सहाई दे बीड़ा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सीया सुधि लाये लंका-सो कोट, समुद्र-सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई लंका जारि असुर संहारे, सीतारामजी के काज सँवारे […]

Aarti Karen Bhagwat Ji Ki

श्रीमद्भागवत आरती आरती करें भागवतजी की, पंचम वेद से महा पुराण की लीलाएँ हरि अवतारों की, परम ब्रह्म भगवान कृष्ण की कृष्ण वाङ्मय विग्रह रूप, चरित भागवत अमृत पीलो श्रवण करो तरलो भव-कूपा, हरि गुण गान हृदय से कर लो कथा शुकामृत मन को भाये, शुद्ध ज्ञान वैराग्य समाये लीला रसमय प्रेम जगाये, भक्ति भाव […]

Aarti Shri Bhagwad Gita Ki

श्रीमद्भगवद्गीता आरती आरती श्री भगवद्गीता की, श्री हरि-मुख निःसृत विद्या की पृथा-पुत्र को हेतु बनाकर, योगेश्वर उपदेश सुनाये अनासक्ति अरु कर्म-कुशलता, भक्ति, ज्ञान का पाठ पढ़ाये करें कर्म-फल प्रभु को अर्पण, राग-द्वेष मद मोह नसाये वेद उपनिषद् का उत्तम रस, साधु-संत-जन के मन भाये करें सार्थक मानव जीवन, भव-बंधन, अज्ञान मिटायें अद्भुत, गुह्य, पूजनीय गाथा, […]

Aarti Shri Ramcharit Manas Ki

श्री रामचरित मानस- रामायण आरती आरती रामचरित मानस की, रचना पावन चरित राम की निगमागम का सार इसी में, वाल्मीकि ऋषि, तुलसी गाये रामचरितमानस रामायण, निश्चल-भक्ति सुधा बरसाये पति-व्रत, बन्धु-प्रेम, मर्यादा, माँ सीता का चरित सुहाये आज्ञापालन, राज-धर्म, त्यागी जीवन आदर्श बताये साधु-संत प्रिय, कलिमलहारी, दुःख शोक अज्ञान मिटाये श्रद्धा-युत हो श्रवण करे जो, कहें […]