Bal Mohan Dou Karat Biyaru

बल मोहन बल मोहन दोऊ करत बियारू, जसुमति निरख जाय बलिहारी प्रेम सहित दोऊ सुतन जिमावत, रोहिणी अरु जसुमति महतारी दोउ भैया साथ ही मिल बैठे, पास धरी कंचन की थारी आलस कर कर कोर उठावत, नयनन नींद झपक रही भारी दोउ जननी आलस मुख निरखत, तन मन धन कीन्हों बलिहारी बार बार जमुहात ‘सूर’ […]

Bal Krishna Kahe Maiya Maiya

माँ का स्नेह बालकृष्ण कहे मैया मैया नन्द महर सौं बाबा-बाबा, अरु हलधर सौं भैया ऊँचे चढ़ि-चढ़ि कहति जसोदा, लै लै नाम कन्हैया दूर खेलन जनि जाहु ललारे, मारेगी कोउ गैया गोपी ग्वाल करत कौतूहल, घर-घर बजत बधैया ‘सूरदास’ प्रभु तुम्हरे दरस को, चरणनि की बलि जैया

Mero Mai Hathi Ye Bal Govinda

हठी बाल कृष्ण मेरौ माई हठी ये बाल-गोबिंदा अपने कर गहि गगन बतावत, खेलन माँगे चंदा बासन मैं जल धर्यो जसोदा, हरि कौं आनि दिखावे रूदन करत ढूँढत नहिं पावत, चंद धरनि क्यों आवे मधु मेवा पकवान मिठाई, माँगि लेहु मेरे छौना चकई डोरी पाट के लटकन, लेहु मेरे लाल खिलौना संत उबारन असुर सँहारन, […]

Atulit Bal Ke Dham

महावीर वन्दना अतुलित बल के धाम पवनसुत, तेज प्रताप निधान राम जानकी हृदय बिराजै, संकटहर हनुमान अग्रगण्य ज्ञानी अंजनि-सुत, सद्गुण के हो धाम अजर अमर हो सिद्धि प्रदाता, रामदूत अभिराम कंचन वर्ण आपके वपु का, घुँघराले वर केश हाथों में है वज्र, ध्वजा अरु अति विशिष्ट है वेश गमन आपका मन सदृश है, छोह करे […]

Ghutno Ke Bal Chale Kanhaiya

बालकृष्ण घुटनों के बल चले कन्हैया बार-बार किलकारी मारे, आनन्दित हो मैया नवनीत कर में लिये कन्हाई, मुँह पर दही लगाये मणिमय आँगन में परछार्इं, निरख निरख हर्षाये तभी गोपियाँ गोदी लेकर, उन्हें चूमना चाहें बालकृष्ण की अतिप्रिय लीला, अपना भाग्य सराहें

Bhai Duj Bal Mohan Dou

भाई दूज भाई दूज बल मोहन दोऊ, बहन सुभद्रा के घर आये विविध भाँति श्रृंगार कियो पट भूषण बहुत सुहाये अति प्रसन्न हो भोजन परसे, भाई के मन भाये तत्पश्चात् तिलक बीड़ा दे, बहन अधिक सुख पाये श्रीफल और मिठाई से भाई की गोद भराई ‘रामदास’ प्रभु तुम चिर-जीवौ, दे अशीष हरषाई 

Sab Se Bada Dharma Ka Bal Hai

धर्म निष्ठा सबसे बड़ा धर्म का बल है वह पूजनीय जिसको यह बल, जीवन उसका ही सार्थक है ऐश्वर्य, बुद्धि, विद्या, धन का, बल होता प्रायः लोगों को चाहे शक्तिमान या सुन्दर हो, होता है अहंकार उसको इन सबसे श्रेष्ठ धर्म का बल, भवसागर से जो पार करे जिस ओर रहे भगवान् कृष्ण, निश्चय ही […]

Samarpan Karun Buddhi Bal Mera

भीष्मजी द्वारा स्तवन समर्पण करूँ बुद्धि बल मेरा और न कुछ भी दे पाऊँ प्रभु, जो भी है वह तेरा मेरा मन आबद्ध जगत् में, घट घट के प्रभु वासी दो प्रबोध हे त्रिभुवन-सुन्दर! वृन्दावन के वासी पंकज-नयन, तमाल-वर्ण, आवृत अलकावली मुख पे पीत वसन रवि-किरणों के सम, शोभित श्यामल तन पे अनुपम शोभा कुरुक्षेत्र […]

Jay Jay Bal Krishna

कृष्ण आरती जय जय बालकृष्ण शुभकारी, मंगलमय प्रभु की छबि न्यारी रत्न दीप कंचन की थारी, आरति करें सकल नर-नारी नन्दकुमार यशोदानन्दन, दुष्ट-दलन, गो-द्विज हितकारी परब्रह्म गोकुल में प्रकटे, लीला हित हरि नर-तनु धारी नव-जलधर सम श्यामल सुन्दर, घुटुरन चाल अमित मनहारी पीत झगा उर मौक्तिक-माला, केशर तिलक दरश प्रियकारी दंतुलिया दाड़िम सी दमके, मृदुल […]