Swami Sab Sansar Ka Ji Sancha Shri Bhagwan

संसार के स्वामी स्वामी सब संसार का जी, साँचा श्री भगवान दान में महिमा थाँरी देखी, हुई हरि मैं हैरान दो मुठ्ठी चावल की फाँकी, दे दिया विभव महान भारत में अर्जुन के आगे, आप हुया रथवान ना कोई मारे, ना कोई मरतो, यो कोरो अज्ञान चेतन जीव तो अजर अमर है, गीताजी को ज्ञान […]

Aur Ansha Avtar Krishna Bhagwan Swayam Hai

परब्रह्म श्री कृष्ण और अंश अवतार कृष्ण भगवान स्वयम् हैं वे मानुस बनि गये, यशोदा नन्द-नँदन हैं सकल भुवन के ईश एक, आश्रय वनवारी मोर मुकुट सिर धारि अधर, मुरली अति प्यारी रस सरबस श्रृंगार के, साक्षात् श्रृंगार हैं जो विभु हैं, आनन्दघन, उन प्रभु की हम शरन हैं

Bana Do Vimal Buddhi Bhagwan

विमल बुद्धिबना दो विमल बुद्धि भगवान् तर्कजाल सारा ही हर लो, हरो द्वेष अभिमान हरो मोह, माया, ममता, मद, मत्सर, अपना जान कलुष काम-मति, कुमति हरो हरि, हरो त्वरित अज्ञान दम्भ, दोष, दुर्नीति हरण कर, करो सरलता दान भरदो हृदय भक्ति-श्रद्धा से, करो प्रेम का दान  

Avatarit Hue Bhagwan Krishna

श्रीकृष्ण प्राकट्य अवतरित हुए भगवान कृष्ण, पृथ्वी पर मंगल छाया है बज गई स्वर्ग की दुन्दुभियाँ,चहुँ दिशि आनन्द समाया है था गदा, चक्र अरु कमल, शंख, हाथों में शोभित बालक के श्रीवत्स चिन्ह वक्षःस्थल पे, कटि में भी पीताम्बर झलके वसुदेव देवकी समझ गये, यह परमपुरुष पुरुषोत्तम है जो पुत्र रूप में प्राप्त हुआ, साक्षात् […]

Bhakta Ke Vash Main Hain Bhagwan

भक्त वत्सलता भक्त के वश में हैं भगवान जब जब स्मरण किया भक्तों ने, रखली तुमने आन चीर खिंचा जब द्रुपद-सुता का, दु:शासन के द्वारा लिया वस्त्र अवतार, द्रौपदी ने जब तुम्हें पुकारा लगी बाँधने यशुमति मैया, जब डोरी से तुमको थकी यशोदा पर न बँधे, तो बँधवाया अपने को दुर्वासा संग शिष्य जीमने, पाण्डव-कुटि […]

Bhagwan Krishna Ke Charno Main

स्तुति भगवान् कृष्ण के चरणों में, मैं करूँ वंदना बारंबार जो प्राणि-मात्र के आश्रय हैं, भक्तों के कष्ट वही हरतें ब्रह्मादि देव के भी स्वामी, मैं करूँ प्रार्थना बारंबार जो आदि अजन्मा भी यद्यपि हैं, पर विविध रूप धारण करते पृथ्वी पर लीलाएँ करते, मैं करूँ स्तवन बारंबार जब संकट से हम घिर जाते, करूणानिधि […]

Bhagwan Aapke Ram Rup

श्री राम स्तुति भगवान् आपके राम रूप को, करता हूँ सादर प्रणाम प्रभु शुद्ध, शान्त, संतों के प्राण, सीतापति मर्यादा नीति धाम अखिलेश्वर हो, आनँदकंद, प्रभु अद्धितीय हितकारी हो हे लक्ष्मी पति, देवादि देव, सच्चिदानंद भयहारी हो गुणग्राम, अपका जपूँ नाम, सृष्टि के कर्ता धर्ता हो हे अविनाशी, हे विश्वात्मा, पालनहारी, संहर्ता हो हे रावणारि […]

Bhagwan Krishna Lilamrut Ka

ब्रह्माजी का भ्रम भगवान् कृष्णलीलामृत का, हम तन्मय होकर पान करें ब्रह्मा तक समझ नहीं पाये, उन सर्वात्मा का ध्यान धरें यमुनाजी का रमणीय-पुलीन, जहाँ ग्वाल बाल भी सँग में हैं मंडलाकार आसीन हुए, भगवान् बीच में शोभित हैं बछड़े चरते थे हरी घास, मंडली मग्न थी भोजन में भगवान कृष्ण की लीला से, ब्रह्मा […]

Bhagwan Tumhare Mandir Main

प्रभु दर्शन भगवान् तुम्हारे मंदिर मैं, मैं दर्शन करने आई हूँ वाणी में तो माधुर्य नहीं, पर स्तुति करने आई हूँ मैं हूँ दरिद्र अति दीन दुखी, कुछ नहीं भेंट है देने को नयनों में केवल अश्रु बचे, चरणों की पूजा करने को हे नाथ मेरे, मैं तो अनाथ, करुणानिधि मुझ पर कृपा करो मैं […]

Bhagwan Buddha Karuna Avtar

भगवान बुद्ध भगवान् बुद्ध करुणावतार वास्तविक भाव जो वेदों का, हम जीवन जिये उस प्रकार जीवों की हत्या के द्वारा, यज्ञों से पूर्ण कामना हो पाखण्ड, दम्भ इनसे न कभी हित कैसे किसका संभव हो हम आड़ धर्म की लेकर के, भटकाते अपने स्वयं को ही दु:ख का कारण ही तो तृष्णा, हो विरक्ति, शांति […]